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'तबाह हुए यूक्रेन को दोबारा बसाने के लिए पुतिन को भुगतान करना होगा', जेलेंस्की का पुतिन पर तीखा हमला

ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के बीच कूटनीतिक बातचीत चल रही है. ट्रम्प ने पिछले महीने सत्ता संभालते ही इस युद्ध को खत्म करने की पहल की और पुतिन से संपर्क साधा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Putin will have to pay for Ukraine reconstruction Zelensky said

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में पिछले तीन साल से चल रहे युद्ध के कारण हुई तबाही की भरपाई के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें इसके पुनर्निर्माण के लिए भुगतान करना होगा. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ताओं की चर्चा तेज हो रही है.

ज़ेलेंस्की का सख्त रुख

ज़ेलेंस्की ने अपने हालिया बयान में कहा, "पुतिन को यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए भुगतान करना होगा. इस युद्ध ने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है. हमारे शहर, गांव, स्कूल और अस्पताल तबाह हो गए हैं. यह सब रूस की आक्रामकता का नतीजा है और इसकी जिम्मेदारी से पुतिन बच नहीं सकते." उनका यह बयान न केवल रूस के खिलाफ एक नैतिक आरोप है, बल्कि एक कानूनी और आर्थिक मांग भी है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील करता है.

युद्ध की तबाही का आलम
फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस के पूर्ण पैमाने के हमले ने यूक्रेन को भारी नुकसान पहुंचाया है. शहरों की इमारतें ध्वस्त हो गईं, बुनियादी ढांचा चरमरा गया और लाखों लोग विस्थापित हो गए. डोनेट्स्क, लुगांस्क, ज़ापोरिज़िया और खेरसन जैसे क्षेत्रों पर रूस ने कब्जा कर लिया, जबकि क्राइमिया 2014 से ही उसके नियंत्रण में है. यूक्रेन का दावा है कि यह कब्जा अवैध है, और इसके चलते हुए नुकसान की भरपाई रूस को करनी चाहिए. विश्व बैंक के एक अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए सैकड़ों अरब डॉलर की जरूरत होगी.

शांति वार्ताओं के बीच नया मोड़
ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के बीच कूटनीतिक बातचीत चल रही है. ट्रम्प ने पिछले महीने सत्ता संभालते ही इस युद्ध को खत्म करने की पहल की और पुतिन से संपर्क साधा. इस्तांबुल में हाल ही में हुई छह घंटे की वार्ता के बाद पुतिन ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत से कुछ "उम्मीद" जगी है. लेकिन रूस ने साफ कर दिया है कि वह कब्जाए गए यूक्रेनी क्षेत्रों को लौटाने के लिए तैयार नहीं है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "ये क्षेत्र हमारे संविधान का हिस्सा हैं और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता."

जेलेंस्की की मांग का क्या होगा परिणाम

ज़ेलेंस्की की यह मांग शांति प्रक्रिया में एक नई जटिलता ला सकती है. वह शुक्रवार को ट्रम्प से मिलने वाले हैं, जहां अमेरिकी सहायता और यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच के बदले एक समझौते पर चर्चा होगी. लेकिन यूक्रेन इस बात पर जोर दे रहा है कि किसी भी समझौते में रूस से मुआवजे की शर्त शामिल होनी चाहिए.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
ज़ेलेंस्की का बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी संबोधित है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रम्प से मुलाकात कर यूक्रेन के लिए मजबूत समर्थन की अपील की है. यूरोप में चिंता है कि ट्रम्प रूस के साथ जल्दबाजी में कोई ऐसा समझौता न कर लें, जो यूक्रेन के हितों को नजरअंदाज कर दे. ज़ेलेंस्की की मांग को लागू करने के लिए रूस की संपत्तियों को जब्त करने या युद्ध अपराधों के लिए जवाबदेही तय करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन यह आसान नहीं होगा.

यूक्रेन की जनता की राय
यूक्रेन के नागरिक भी इस मांग का समर्थन करते हैं, लेकिन उनके मन में शंकाएं भी हैं. कीव के एक 39 साल के शिक्षक सर्गी ने कहा, "रूस से मुआवजा लेना सही है, लेकिन क्या वे ऐसा करेंगे? और हमें अमेरिका से क्या मिलेगा, यह भी साफ नहीं है." एक 30 साल के प्रोग्रामर मिकिता क्लेमिनोव ने कहा, "युद्ध खत्म हो तो अच्छा है, लेकिन सुरक्षा की गारंटी के बिना शांति टिकाऊ नहीं होगी."

रूस की प्रतिक्रिया
रूस ने अभी तक ज़ेलेंस्की के इस बयान पर सीधे जवाब नहीं दिया है. लेकिन उसका पिछला रुख देखते हुए यह संभावना कम है कि वह पुनर्निर्माण के लिए भुगतान करने को तैयार होगा. गुरुवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के नियंत्रण वाले सुड्झा के पास निकोल्स्की गांव को वापस ले लिया है, जो उसके सैन्य इरादों को दर्शाता है.