Putin Middle East Visit: अबुधाबी में उतरा पुतिन का विमान, संकट के दौर में दो तेल खिलाड़ियों की मुलाकात क्या खिलाएगी गुल
Putin Middle East Visit: खाड़ी के देश रूस के साथ संबंध मजबूत करके अपनी रक्षा जरूरतों पूरी करना चाहते हैं. साथ ही पश्चिमी देशों पर अपनी निर्भरता भी घटाना चाहते हैं, जिससे संकट की स्थिति में वे तुरंत प्रतिक्रिया दे पाने में सक्षम हो सकें. दोनों पक्षों की यह जरूरत उन्हें एक-दूसरे के नजदीक ला रही है.
Putin Middle East Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी बहुप्रतीक्षित इस्लामिक देशों की यात्रा पर बुधवार को दुबई पहुंच गए. पुतिन फाइटर जेट्स की सुरक्षा में दुबई पहुंचे हैं.
अपनी इस यात्रा के दौरान वे यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे.
अपने इस दौरे पर वे यूक्रेन युद्ध, इजरायल - हमास जंग, और तेल से जुड़े मसलों पर दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ वार्ता करेंगे.
यूएई अरब दुनिया में रूस का प्रमुख साझेदार
बुधवार को अबुधाबी एयरपोर्ट पर उतरते ही पुतिन का शाही स्वागत किया गया. इस दौरान पूरा रास्ता संयुक्त अरब अमीरात और रूसी झंडों से सजा हुआ था.
यूएई के राष्ट्रपति नाह्यान ने रूसी राष्ट्रपति को प्रिय मित्र कहकर संबोधित किया. पुतिन ने इस मौके पर यूएई के प्रेसिडेंट से उनके स्वागत के लिए आभार जताया.
पुतिन ने इस मौके पर कहा कि आपकी उपस्थिति में रूस और यूएई के संबंध अपने सर्वोच्च स्तर पर हैं. अरब दुनिया में यूएई रसिया का सबसे अहम ट्रेडिंग पार्टनर है.
पुतिन के साथ रूस का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल इस्लामिक देशों की यात्रा पर उनके साथ आया है. वार्ता के दौरान तेल, अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, अंतरिक्ष और परमाणु उर्जा सहयोग को लेकर वार्ता की जाएगी.
वैश्विक मसलों पर होगी विस्तार से बातचीत
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि यूएई और रूस ओपेक देशों के समूह में हिस्सेदारी रखते हैं. यह समूह पूरी दुनिया का 40 फीसदी तेल का उत्पादन करता है.
इस बीच दोनों नेताओं के बीच कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की वर्तमान स्थिति और संबंधों को आगे बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है. साथ ही साथ माना जा रहा है कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत कर सकते हैं जिसमें इजरायल हमास की जंग का मामला भी शामिल है.
जो रीडआउट क्रेमलिन की तरफ से जारी किया गया है, उसके मुताबिक रूसी नेता इसके बाद रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से मुलाकात करेंगे.
अपनी-अपनी जरूरतें बढ़ा रही नजदीकियां
रिपोर्ट के मुताबिक खाड़ी के देश रूस के साथ संबंध मजबूत करके अपनी रक्षा जरूरतों पूरी करना चाहते हैं. साथ ही पश्चिमी देशों पर अपनी निर्भरता भी घटाना चाहते हैं, जिससे संकट की स्थिति में वे तुरंत प्रतिक्रिया दे पाने में सक्षम हो सकें.
दोनों पक्षों की यह जरूरत उन्हें एक-दूसरे के नजदीक ला रही है. पुतिन की यह यात्रा इन मायनों में भी अहम है कि न तो सऊदी अरब और न ही यूएई ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के चार्टर पर साइन किए हैं. ऐसे में इन देशों की यात्रा के दौरान पुतिन को गिरफ्तारी का डर नहीं है.
आपको बता दें कि इस साल आईसीसी ने पुतिन को वार क्राइम घोषित किया था. कोर्ट ने उन पर यूक्रेन युद्ध में बच्चों की हत्या लाखों लोगों के विस्थापन का आरोप लगाया था और उन्हें गिरफ्तार किये जाने का वारंट जारी किया था. पुतिन अपनी एक दिन की यात्रा के बाद वापस मॉस्को लौट जाएंगे.
पुतिन की इन पहलकदमियों पर पश्चिम के देश अपनी नजरें गड़ाए बैठे हैं.