Vladimir Putin: पुतिन ने विक्ट्री स्पीच में दी World War 3 की धमकी, नवलनी की मौत को बताया 'दुखद'
Vladimir Putin: 5वीं बार राष्ट्रपति बनते ही व्लादिमिर पुतिन ने विश्व युद्ध की धमकी दे दी है. पुतिन ने कहा कि अगर रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन के बीच संघर्ष छिड़ता है तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा है.
Vladimir Putin: व्लादिमिर पुतिन रूस के 5वीं बार राष्ट्रपति बने हैं. देश में हुए चुनाव में पुतिन को रिकॉर्ड 88 फीसदी वोट मिले. विरोधी निकोले को मात्र 4 फीसदी वोट मिले हैं. परिणाम आने के बाद पुतिन ने विक्ट्री स्पीच दी और सीधे-सीधे विश्व युद्ध की धमकी दे डाली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस डरेगा नहीं क्योंकि वह 200 से अधिक वर्षों में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले रूसी नेताओं में से एक बन गए हैं.
व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मैं आपके समर्थन और इस विश्वास के लिए आप सभी और देश के सभी नागरिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन या कितना वे हमें डराना चाहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन या कितना वे हमें, हमारी इच्छा, हमारी चेतना को दबाना चाहते हैं. इतिहास में कभी भी कोई भी इस तरह से सफल नहीं हुआ है.
विश्व युद्ध का खतरा
पुतिन ने कहा कि अगर रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन के बीच संघर्ष छिड़ता है तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह होगा कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर है. मुझे नहीं लगता की कोई भी ऐसा कुछ चाहेगा.
नवलनी की मौत पर टिप्पणी
पिछले महीने मुख्य विरोधी रहे नवलनी की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुतिन ने इसपर पहली टिप्पणी की और इसे दुखद बताया. पुतिन ने कहा कि जहां तक नवलनी का सवाल है. उनका निधन हो गया. यह हमेशा एक दुखद घटना होती है. अलेक्सी नवलनी पुतिन के सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी थे जिनकी पिछले महीने आर्कटिक जेल में मृत्यु हो गई थी.
2000 में पहली बार रूस के राष्ट्रपति बने थे पुतिन
पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. 2008 में पद से हट गए थे. फिर 2012 में उस समय के प्रेसिडेंट मेदवेदेव ने पार्टी से उन्हें फिर से राष्ट्रपति के लिए नॉमिनेट किया. 2012 में जीत के बाद से वो लगातर राष्ट्रपति के पद पर बने हुए हैं. पहले रूस में दो बार से ज्यादा कोई राष्ट्रपति के पद पर बना नहीं रह सकता था. कार्यकाल 4 साल का था. लेकिन नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया.