रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 19 फरवरी, 2025 को एक अहम घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका ने औपचारिक रूप से अपने राजनयिक संबंधों को बहाल करने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही दोनों देशों ने अपने राजनयिक एजेंसियों के सामान्य संचालन को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. पुतिन की यह घोषणा एक वीडियो के माध्यम से रूस के सरकारी मीडिया द्वारा प्रसारित की गई, जिसमें पुतिन एक प्रेस इवेंट में बोलते हुए नजर आए और कहा, "हमने राजनयिक एजेंसियों के काम को सामान्य रूप से बहाल करने पर सहमति जताई है."
यह घोषणा अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच 18 फरवरी, 2025 को रियाद में हुई उच्च स्तरीय वार्ता के बाद आई, जिसमें यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने पर चर्चा की गई. यह बैठक यूक्रेनी प्रतिनिधियों के बिना हुई, और इसमें अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने आर्थिक और राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाने पर सहमति जताई, जिसमें पूर्व में हुए कूटनीतिक एजेंटों के निष्कासन से पहले के दूतावास स्टाफ़ स्तर को बहाल करना शामिल है.
JUST IN: 🇷🇺🇺🇸 Russia and the United States officially agree to restore diplomatic relations, President Putin says. pic.twitter.com/R2aqno7Ovm
— BRICS News (@BRICSinfo) February 19, 2025
यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?
यह विकास वर्षों से चले आ रहे तनावपूर्ण रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया और कड़ी प्रतिबंधों का सामना किया. ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखें तो, अमेरिका और सोवियत रूस ने 1933 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, जो वर्तमान बहाली प्रयास के लिए एक ऐतिहासिक संदर्भ बनता है.
यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया विदेश नीति के साथ मेल खाता है, जिसमें रूस के साथ सीधे बातचीत पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके साथ ही रूस की ब्रिक्स ब्लॉक में नेतृत्व की भूमिका को भी महत्व दिया गया है, जिससे पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को चुनौती दी जा रही है.
रियाद वार्ता और भविष्य की योजना
रियाद में हुई इस वार्ता से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका और रूस के बीच एक उच्च-स्तरीय संपर्क बनाए रखने के लिए एक तंत्र स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके अतिरिक्त, ट्रंप और पुतिन के बीच संभावित शिखर सम्मेलन की तैयारियां भी की जा रही हैं, हालांकि इस मुलाकात की तिथि अभी तय नहीं की गई है. रूस के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी कंसीशन नहीं दिया गया है, जबकि अमेरिकी अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किसी भी समाधान में सभी पक्षों, जिनमें यूक्रेन और यूरोप भी शामिल हैं, की भागीदारी जरूरी होगी.
वैश्विक प्रभाव और जियोपॉलिटिकल परिपेक्ष्य
राजनयिक संबंधों की बहाली तब हो रही है जब ब्रिक्स देशों का वैश्विक प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, जिसमें रूस एक महत्वपूर्ण सदस्य है. यह विकास अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को चुनौती देने का संकेत देता है. हालांकि, इस बदलाव के संभावित प्रभावों का सटीक अनुमान लगाना अभी कठिन है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह कदम वैश्विक राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है.
रूस और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली न केवल दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देगी, बल्कि यह वैश्विक राजनीति, सुरक्षा और आर्थिक परिदृश्य पर भी गहरे प्रभाव डाल सकती है.