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India Daily

बांग्लादेश में बवाल, प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर में लगाई आग, हसीना बोलीं- जिंद बचीं हूं तो....

अपने संबोधन में हसीना ने अपने घर पर हुए हमले पर सवाल उठाते हुए कहा कि उस घर को क्यों जलाया गया? उन्होंने बांगलादेश के लोगों से न्याय की अपील की और कहा, "क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया, तो मुझे इतना अपमान क्यों सहना पड़ा?" इस हमले पर शोक व्यक्त करते हुए शेख हसीना ने कहा कि अब उनकी और उनकी बहन की जो यादें बची थीं, वो भी अब खत्म हो गईं. उन्होंने कहा कि घर जलाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को कभी नहीं मिटाया जा सकता.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Protesters set fire to Sheikh Mujiburahman house Video Sheikh Hasina
Courtesy: Social Media

बांगलादेश के ढाका में, बांगलादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर में एक बड़े प्रदर्शनकारियों के समूह ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी. यह घटना शेख मुजीब की बेटी, प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन संबोधन के दौरान हुई. वीडियो में दिखाया गया है कि प्रदर्शनकारी शेख मुजीब के घर के बाहर बड़ी संख्या में जमा हुए थे, और यह घर आग की लपटों में घिरा हुआ था. 

शेख हसीना ने फेसबुक लाइव के माध्यम से पार्टी के संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है, तो इसका मतलब है कि मुझे कुछ जरूरी काम करना है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता, तो मैं बार-बार मौत को कैसे हराती? शेख हसीना ने बताया कि बांगलादेश में उनके खिलाफ चल रहा आंदोलन वास्तव में उनकी हत्या करने की साजिश है, और मोहम्मद यूनुस ने उनकी और उनकी बहन की हत्या की योजना बनाई थी.

प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीब के घर को निशाना बनाया

यह घटना ढाका के धनमंडी इलाके में स्थित शेख मुजीब के घर के पास हुई. यह घर अब एक स्मारक संग्रहालय में तब्दील हो चुका है. रिपोर्टों के अनुसार, कुछ हजार प्रदर्शनकारी शाम के समय यहां जमा हुए थे, और सोशल मीडिया पर “बुलडोजर जुलूस” के आह्वान के बाद यह प्रदर्शन शुरू हुआ. शेख हसीना के संबोधन की घोषणा पहले ही कर दी गई थी, और उस समय ही यह घटना घटी.

हसीना के संबोधन के दौरान विरोध प्रदर्शन

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ऑनलाइन अपने संबोधन में देशवासियों से वर्तमान शासन के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया. हसीना ने कहा, "वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और स्वतंत्रता को नष्ट करने की ताकत नहीं रखते, जो लाखों शहीदों की जान के बल पर हमने प्राप्त की थी." उनका यह बयान बांगलादेश में मौजूदा सरकार के प्रति तीखी आलोचना था, और इसमें एक स्पष्ट संदर्भ भी था जो नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के शासन के खिलाफ था.

हसीना ने आगे कहा, "वे एक इमारत को गिरा सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं, और उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपनी प्रतिक्रिया देता है."

शेख मुजीब का घर: बांगलादेश के इतिहास का प्रतीक

शेख मुजीब का घर बांगलादेश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यहां से शेख मुजीब ने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था, और यह घर बांगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रतीक बन चुका है. वर्तमान में यह घर बांगबन्धु स्मारक संग्रहालय के रूप में तब्दील किया गया है, जिसे हसीना और उनके जीवित भाई ने सार्वजनिक संपत्ति के रूप में एक ट्रस्ट को दान दिया था.

संग्रहालय बनने के बाद, इस घर को विदेशी नेताओं और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों द्वारा राज्य के प्रोटोकॉल के अनुसार दौरा किया जाता था. शेख मुजीब को लोग “बांगबन्धु” यानी बंगाल के दोस्त के रूप में सम्मानित करते थे.