Champions Trophy 2025

Price Hikes In karachi: रमजान में महंगाई की मार, पाकिस्तानियों को नहीं मिल रहा सेहरी और इफ्तारी के लिए खाना!

पाकिस्तान में फल, सब्जियों, सूखे मेवों और दूसरी जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे मिडल क्लास और लो क्लास के लोग खासे परेशान हैं. कराची समेत कई शहरों में सेहरी और इफ्तार की तैयारियां मुश्किल होती जा रही हैं, जबकि लोग सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.  

Social Media

Price Hikes In karachi: पाकिस्तान में रमजान के दौरान भी महंगाई से राहत नहीं मिल रही है. फल, सब्जियों, सूखे मेवों और दूसरी जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे मिडल क्लास और लो क्लास के लोग खासे परेशान हैं. कराची समेत कई शहरों में सेहरी और इफ्तार की तैयारियां मुश्किल होती जा रही हैं, जबकि लोग सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.  

TNN स्टोरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही रमजान की शुरुआत हुई, खाने-पीने की चीजों, कपड़ों और घरेलू जरूरतों की कीमतों में अचानक उछाल आ गया. कराची में रहने वाले लोग अब एक-एक सामान खरीदने से पहले कई बार सोचने को मजबूर हो गए हैं.  

कराची में महंगाई की मार

इस महंगाई की मार पर एक बुजुर्ग निवासी अहसान ने कहा, 'रमजान से पहले चीजों की कीमतें काफी कम थीं, लेकिन जैसे ही रोजे शुरू हुए, हर चीज महंगी हो गई.'  हाजी मुहम्मद अली ने सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा, 'अधिकारी सिर्फ अपनी तनख्वाह ले रहे हैं, उन्हें आम आदमी की तकलीफों की कोई परवाह नहीं.' वहीं वहां के एक दूसरे नागरिक ने बताया कि लोग विरोध-प्रदर्शन भी नहीं कर पा रहे, क्योंकि उन्हें पुलिस की कार्रवाई का डर है.  

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई दुकानदार रमजान के मौके पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं, जिससे महंगाई और भी ज्यादा बढ़ गई है. उनका कहना है कि सूखे मेवे, मसाले और क्रॉकरी के दाम अचानक बढ़ गए हैं. फल और सब्जियों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं. मीडल क्लास और लो क्लास के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.  

कराची के लोगों ने सरकार से की मदद की गुहार  

कराची के नागरिकों का कहना है कि सरकार को बाजार नियामकों और अधिकारियों को जवाबदेह बनाना चाहिए, ताकि रमजान के दौरान आम जनता को राहत मिल सके. हालांकि, अब तक महंगाई पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. 

रमजान के इस पाक महीने में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जरूरी सामानों की बढ़ती कीमतों पर कंट्रोल लगाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही.