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India Daily

नेतन्याहू पर बढ़ा संघर्ष विराम आगे बढ़ाने का दबाव, ट्रंप ने दोहराई गाजा पर कब्जा करने की बात

हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की हालत दयनीय होने संबंधी नए विवरण सामने आने के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा के साथ किए गए संघर्ष विराम समझौते को आगे बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने उस रुख पर कायम हैं कि अमेरिका फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा करेगा.

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Edited By: Anvi Shukla
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Courtesy: pinterest

इज़रायल के प्रधानमंत्री (बेंजामिन नेतन्याहू) पर संघर्ष विराम को बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है, जबकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी पर इज़रायल का कब्जा करने के लिए अपनी पुरानी राय दोहराई है. इस समय, इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष जारी है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संघर्ष विराम के लिए प्रयासरत है. 

 

संघर्ष विराम की स्थिति:

हाल के दिनों में, इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच युद्धविराम की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है. युद्ध के दौरान कई नागरिकों की जान चली गई है, और दोनों पक्षों के बीच स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण हो गई है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संघर्ष विराम की अपील की है, ताकि मानवाधिकारों का उल्लंघन रोका जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. 

नेतन्याहू पर बढ़ा दबाव:

इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है कि वे संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने पर विचार करें. पश्चिमी देशों और मध्य-पूर्व के देशों ने इज़रायल से अपील की है कि वह फिलिस्तीन के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष विराम को लागू रखें और शांति प्रयासों में भाग लें. हालांकि, नेतन्याहू ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि इज़रायल फिलिस्तीन के आतंकवादी समूहों के खिलाफ अपनी सुरक्षा नीति जारी रखेगा, और वह किसी भी प्रकार के दबाव के आगे झुकेगा नहीं.

ट्रंप का गाजा पर कब्जा करने का बयान:

इस बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पुरानी राय दोहराई है कि इज़रायल को गाजा पर पूरी तरह से कब्जा कर लेना चाहिए. ट्रंप ने कहा, "इज़रायल को गाजा पर कब्जा करना चाहिए ताकि वहां स्थिरता और शांति स्थापित की जा सके. फिलिस्तीनियों को आतंकवादी संगठनों से मुक्त किया जाना चाहिए, और इज़रायल को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा अधिकार है." ट्रंप के इस बयान को इज़रायल समर्थकों ने एक मजबूत कदम के रूप में देखा है, जबकि कई मानवाधिकार संगठनों और फिलिस्तीन समर्थकों ने इसकी आलोचना की है.

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया:

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इस मुद्दे पर विभाजन साफ नजर आ रहा है. एक ओर, पश्चिमी देशों ने इज़रायल के कदमों का समर्थन किया है, वहीं दूसरी ओर, अरब देशों और कई मुस्लिम राष्ट्रों ने फिलिस्तीनियों के अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया है. संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने गाजा पर इज़रायल के कब्जे को अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया है और दोनों पक्षों से शांति वार्ता की ओर कदम बढ़ाने की अपील की है.

इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष की स्थिति को लेकर वैश्विक दबाव लगातार बढ़ रहा है. नेतन्याहू पर संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने के लिए दबाव है, जबकि ट्रंप का गाजा पर कब्जा करने का बयान नए विवादों को जन्म दे रहा है. आने वाले दिनों में इस संघर्ष का समाधान क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कोशिश यही है कि दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति स्थापित हो.