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India Daily

ट्रंप के नक्शेकदम पर चला अर्जेंटीना, WHO से हटने का किया ऐलान

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ ‘‘गंभीर मतभेदों’’ के कारण संयुक्त राष्ट्र एजेंसी से अपने देश के हटने का आदेश दिया है. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी.

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Edited By: Anvi Shukla
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Courtesy: pinterest

राष्ट्रपति जेवियर माइली का निर्णय उनके सहयोगी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय से मेल खाता है, जिन्होंने 21 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के पहले ही दिन एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिका को WHO से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.

 

WHO से अर्जेंटीना के अलग होने के प्रभाव: WHO से एक और सदस्य देश के चले जाने से वैश्विक स्वास्थ्य में सहयोग और अधिक कम हो जाएगा. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन को 2024-2025 के लिए अनुमानित 6.9 अरब डॉलर बजट में से अर्जेंटीना से केवल लगभग 80 लाख अमेरिकी डॉलर मिलने की अपेक्षा की गई थी. अर्जेंटीना के प्रवक्ता मैनुअल एडोर्नी ने ब्यूनस आयर्स में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अर्जेंटीना का निर्णय ‘‘खासकर (कोविड-19) महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन में गहरे मतभेदों पर आधारित है.’’ उन्होंने कहा कि उस समय WHO के दिशा-निर्देशों के कारण ‘‘मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ा बंद’’ हुआ.

WHO की स्वतंत्रता पर प्रभाव: WHO के पास देशों को विशिष्ट स्वास्थ्य कार्रवाई करने के लिए बाध्य करने का कोई अधिकार नहीं है और संगठन के दिशा-निर्देशों एवं सिफारिशों, जिसमें कोविड-19 जैसे स्वास्थ्य संकट भी शामिल हैं, की अक्सर अवहेलना की जाती है. WHO ने कहा कि वह अर्जेंटीना की घोषणा पर विचार कर रहा है. एडोर्नी ने यह नहीं बताया कि माइली का निर्णय कब लागू होगा. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि कुछ देशों के राजनीतिक प्रभाव के कारण WHO की स्वतंत्रता में कमी आई है.

WHO की भूमिका: यह एकमात्र ऐसा संगठन है जिसे गंभीर स्वास्थ्य संकटों, विशेष रूप से नयी बीमारियों के प्रकोप और इबोला, एड्स एवं मंकी पॉक्स सहित मौजूदा स्वास्थ्य खतरों के प्रति वैश्विक प्रतिक्रियाओं के समन्वय का अधिकार दिया गया है.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)