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'चीन या भारत किसे देंगे प्राथमिकता?', श्रीलंका के नए राष्ट्रपति दिसानायके ने कर दिया साफ

पूर्व में भारत के आलोचक रह चुके अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाल ली है. दिसानायके वामपंथी विचारधारा के समर्थक हैं और वामपंथियों को चीन का समर्थक माना जाता है.

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Edited By: India Daily Live
Anura Kumara Dissanayake
Courtesy: linkedin

Sri Lanka News: पूर्व में भारत के आलोचक रह चुके अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाल ली है. दिसानायके वामपंथी विचारधारा के समर्थक हैं और वामपंथियों को चीन का समर्थक माना जाता है. ऐसे में कुछ विश्लेषकों का मानना है कि  दिसानायके का झुकाव भारत से ज्यादा चीन की तरफ दिख सकता है या वे भारत से ज्यादा चीन को महत्व दे सकते हैं. हालांकि दिसानायके ने राष्ट्रपति बनने के बाद दिए अपने पहले ही इंटरव्यू में भारत-चीन संबंधों पर अपने रुख को स्पष्ट किया है.

विदेश नीति संतुलित होगी

उन्होंने कहा कि उनकी विदेश नीति संतुलित होगी. दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका किसी एक देश का समर्थन नहीं करेगा और न ही वैश्विक दबदबे की लड़ाई में शामिल होगा. मोनोकल मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में दिसानायके ने कहा, 'हम दोनों देशों के साथ दोस्ती बनाए रखेंगे. हम न तो दबदबे की होड़ में शामिल होंगे और न ही किसी एक देश का पक्ष लेंगे.'

यूरोपीय यूनियन, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के बनाएंगे अच्छे संबंध

इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार यूरोपीय यूनियन, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के साथ अच्छे रिश्ते बनाएगी. उनका लक्ष्य श्रीलंका की विदेश नीति को निष्पक्ष और संतुलित रखना है. दिसानायके का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि श्रीलंका वैश्विक मुद्दों पर एक स्वतंत्र और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का इच्छुक है.

दोनों देशों से हमारी दोस्ती है

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने स्पष्ट किया कि उनकी विदेश नीति संतुलित होगी. दिसानायके ने इंटरव्यू में कहा, 'दोनों देशों से हमारी दोस्ती है. हम किसी एक का साथ नहीं देंगे. हम न तो दबदबे की होड़ में शामिल होंगे. न ही इस होड़ में शामिल किसी देश का साथ देंगे. मुझे उम्मीद है भविष्य में हमारी साझेदारी अच्छी होगी.'