menu-icon
India Daily

प्रेग्नेंट महिला ने मांगा वर्क फ्रॉम होम तो कंपनी ने नौकरी से निकाला, अब देना पड़ा 1 करोड़ जुर्माना

ब्रिटेन के रोजगार न्यायाधिकरण ने यह फैसला देते हुए कि बर्मिंघम स्थित रोमन प्रॉपर्टी ग्रुप लिमिटेड से अनुचित बर्खास्तगी का कारण उसकी गर्भावस्था थी, उसे 93,616.74 पाउंड का मुआवजा दिया गया.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
घर से काम करने का अनुरोध करने पर गर्भवती महिला को बाहर निकाला
Courtesy: Social Media

ब्रिटेन से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक रोजगार न्यायाधिकरण ने एक गर्भवती कर्मचारी को उसकी नौकरी से अनुचित तरीके से निकाले जाने के बाद 93,000 पाउंड (लगभग ₹1 करोड़) का मुआवजा देने का आदेश दिया. यह मामला तब सामने आया जब महिला के नियोक्ता, अमर कबीर, ने उसे एक मैसेज के जरिए नौकरी से हटा दिया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कबीर ने कारोबार से जुड़ी कठिनाइयों और ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी की जरूरतों का हवाला दिया था. इस संदेश को जो एक "जैज हैण्ड्स" इमोजी के साथ समाप्त हुआ था, इसे कोर्ट ने अनुचित करार दिया.

गर्भावस्था के कारण पैदा हुआ विवाद

बता दें कि, यह विवाद तब शुरू हुआ जब पाउला मिलुस्का, जो एक निवेश सलाहकार हैं. उन्होंने गंभीर मॉर्निंग सिकनेस के कारण घर से काम करने की मांग की थी. इस दौरान कबीर का मैसेज आया, जिसमें नौकरी से निकाले जाने की सूचना दी गई थी, उसने यह भी लिखा था कि "काम से बाहर मिलने का मौका मिलेगा" और साथ में एक नकारात्मक "जैज हैण्ड्स" इमोजी भी डाला था, जो एक मुस्कान और खिंची हुई हथेलियों के साथ था.

जानिए कोर्ट ने क्या दिया आदेश?

ब्रिटेन के रोजगार न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मिलुस्का की गर्भावस्था ही उसकी अनुचित बर्खास्तगी का कारण थी. इस दौरान कोर्ट ने उसे 93,616.74 पाउंड का मुआवजा देने का आदेश दिया. मिलुस्का ने अक्टूबर 2022 में अपनी गर्भावस्था के बारे में जानने के बाद मॉर्निंग सिकनेस का सामना करना शुरू किया था और उसने अपने मिडवाइफ की सलाह पर घर से काम करने की अनुरोध किया था.

कबीर की प्रतिक्रिया और न्यायालय की राय

इस दौरान न्यायालय ने यह भी नोट किया कि कबीर और मिलुस्का के बीच इस समय तक कोई और मैसेज नहीं बदले गए थे, जब तक कि 26 नवम्बर को कबीर ने मिलुस्का से यह नहीं पूछा कि वह कैसी महसूस कर रही हैं. कबीर के इस दावे के बावजूद कि उन्हें अपनी छुट्टी की अनुपस्थिति को कवर करने के लिए उनकी आवश्यकता थी. न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि यह केवल एक बहाना था और मिलुस्का की गर्भावस्था ही उनकी बर्खास्तगी का असली कारण थी.