बंदर के आतंक से श्रीलंका में छाया अंधेरा, पूरे देश की कटी बिजली; सरकार ने की पानी बचाने की अपील

9 फरवरी को श्रीलंका में एक बंदर के कारण देशभर में बिजली संकट उत्पन्न हो गया. पनादुरा ग्रिड सब स्टेशन में बंदरों का झुंड ट्रांसफॉर्मर से टकरा गया, जिससे बिजली प्रणाली में असंतुलन आ गया और पावर कट हो गया. सीईबी ने त्वरित कार्रवाई की, लेकिन तीन घंटे तक अंधेरा छाया रहा.

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Blackout In Srilanka: श्रीलंका में रविवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी जब एक बंदर के कारण देशभर में बिजली का संकट पैदा हो गया. सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) ने पुष्टि की कि पश्चिमी प्रांत के पनादुरा ग्रिड सब स्टेशन में आपात स्थिति के कारण देश में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई.

यह घटना 9 फरवरी को सुबह 11:30 बजे हुई, जब बंदरों का एक झुंड सब स्टेशन में घुसकर ट्रांसफॉर्मर के संपर्क में आ गया. इस हादसे के बाद बिजली प्रणाली में असंतुलन आ गया, जिससे पूरे देश में पावर कट हो गया. सीईबी के अध्यक्ष तिलक सियाम्बलपतिया ने कहा कि बिजली बहाल करने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है, हालांकि इस घटना के तीन घंटे से अधिक समय तक देशभर में अंधेरा छाया रहा.

ऊर्जा मंत्रालय ने क्या कहा?

ऊर्जा मंत्रालय के सचिव, प्रोफेसर उदयंगा हेमपाल ने भी इसकी पुष्टि की और बताया कि बंदरों के कारण ग्रिड के ट्रांसफॉर्मर में हुए नुकसान ने बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी पैदा की. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ऊर्जा मंत्री कुमारा जयकोडी ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब बंदरों का एक समूह ट्रांसफॉर्मर से संपर्क में आ गया, जिससे सिस्टम में असंतुलन पैदा हुआ और पावर कट हो गया.

जल निकासी बोर्ड ने जनता से की अपील

हालांकि कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को पूरी तरह से बहाल होने में कितना समय लगेगा. इसके साथ ही, श्रीलंका के राष्ट्रीय जल आपूर्ति और जल निकासी बोर्ड ने जनता से पानी की बचत करने की अपील की, क्योंकि पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती थी.

2022 में क्या हुआ था?

श्रीलंका में यह पहली बार नहीं है कि बिजली संकट का सामना करना पड़ा है. 2022 में आर्थिक संकट के दौरान, श्रीलंकाई नागरिकों को कई महीनों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा, 2023 में भी देशभर में एक बड़े ब्लैकआउट की घटना हुई थी, जब कोटमाले बियागामा ट्रांसमिशन लाइन के टूटने के कारण पूरी व्यवस्था ठप हो गई थी.

इस बिजली संकट ने श्रीलंका के नागरिकों को फिर से परेशान कर दिया है, क्योंकि अस्पतालों और व्यवसायों को जनरेटर और इनवर्टर का सहारा लेना पड़ रहा है. इस संकट के बीच सरकार ने मामले को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह घटना यह दिखाती है कि प्राकृतिक घटनाओं का भी बिजली आपूर्ति पर गंभीर असर हो सकता है.