Pope Resignation: पोप फ्रांसिस (88) के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं, क्योंकि उन्हें निमोनिया और श्वसन संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हुए एक सप्ताह पूरा हो गया है.
वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पोप की स्थिति में कुछ सुधार देखा गया है, लेकिन अब भी उनके स्वास्थ्य पर पूरी निगरानी रखी जा रही है.
वेटिकन ने बृहस्पतिवार देर रात जानकारी दी कि पोप फ्रांसिस का हृदय ठीक से काम कर रहा है और उनकी स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. हालांकि, यह आकलन करने में अभी समय लगेगा कि दी जा रही दवाइयां और उपचार कितने प्रभावी साबित हो रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार, निमोनिया से पूरी तरह उबरने में आमतौर पर दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, विशेष रूप से बुजुर्ग रोगियों के लिए.
पोप की बीमारी के चलते उनके इस्तीफे को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उनकी तबीयत में जल्द सुधार नहीं होता है, तो वे स्वेच्छा से अपने पद से हटने का निर्णय ले सकते हैं. हालांकि, वेटिकन ने इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
यह पहली बार नहीं है जब पोप फ्रांसिस के इस्तीफे को लेकर चर्चा हो रही है. 2022 में भी उनके घुटने की समस्या के कारण ऐसी अटकलें लगाई गई थीं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस्तीफा देने की उनकी कोई योजना नहीं है.
पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य को लेकर दुनियाभर से प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं मिल रही हैं. कैथोलिक समुदाय के लोग उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं. चर्च के वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं.
क्या पोप अपने पद से इस्तीफा देंगे या नहीं, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा. फिलहाल, वेटिकन और पूरी दुनिया उनकी सेहत को लेकर चिंतित है और उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रही है.