Pope Francis: 35 दिन बाद सार्वजिनक रूप से दिखे पोप फ्रांसिस, हॉस्पिटल से हुई डिस्चार्ज
पोप फ्रांसिस का स्वास्थ्य संकट जारी है, लेकिन उनकी हाल की सार्वजनिक उपस्थिति ने उनके समर्थकों में उत्साह भर दिया है. पोप ने इस दौरान खुद को समर्थन देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक होने तक आराम की सलाह दी गई है.

कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने रविवार (23 मार्च) को रोम के जेमेली अस्पताल से अपनी पहली सार्वजनिक मौजूदगी बनाई. जहां उन्होंने अस्पताल की बालकनी से अपने शुभचिंतकों को हाथ हिलाया. बता दें कि, यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी, जो पिछले पांच हफ्तों में हुई थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 88 साल के पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को गंभीर सांस से जुड़े संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था, जो उनके 12 साल के पोंटिफिकेट के दौरान अब तक का सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट बन गया. पोप के डॉक्टरों ने शनिवार को बताया कि उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में "काफी समय" लगेगा. इसके साथ ही उन्होंने पोप को वेटिकन में अगले दो महीने तक आराम करने की सलाह दी है.
हॉस्पिटल के डिस्चार्ज होने के बाद पोप की पहली सार्वजनिक मौजूदगी
रविवार (23 मार्च) को दोपहर के बाद, पोप फ्रांसिस अस्पताल की बालकनी पर व्हीलचेयर में बैठे हुए दिखाई दिए. उन्होंने मुस्कुराते हुए और हाथ हिलाते हुए नीचे खड़े शुभचिंतकों का अभिवादन किया. पोप का चेहरा सूजा हुआ नजर आया, और उन्होंने केवल कुछ क्षणों के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. अपनी कमजोर आवाज में, पोप ने उन लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें पीले फूल भेजे थे।.
स्वास्थ्य संकट के बीच समर्थकों का उत्साह
पोप फ्रांसिस की उपस्थिति से पहले, अस्पताल के बाहर सैकड़ों समर्थक "फ्रांसिस, फ्रांसिस, फ्रांसिस" के नारे लगा रहे थे. यह दृश्य पोप फ्रांसिस के प्रति उनके भक्तों के गहरे सम्मान और समर्थन को दर्शाता है. बता दें कि, पिछले हफ्ते, वेटिकन ने अस्पताल में पोप की एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें वे अस्पताल के चैपल में प्रार्थना करते हुए दिखे थे.
पोप को फिर से बोलना सीखना पड़ेगा
बताया जा रहा है कि, वेटिकन के कार्डिनल विक्टर मैनुअल फर्नांडीज ने शुक्रवार को बताया था कि पोप फ्रांसिस धीरे-धीरे अपनी ताकत हासिल कर रहे हैं, मगर, काफी समय तक हाई फ्लो ऑक्सीजन थेरेपी की वजह से उन्हें फिर बोलना सीखना पड़ेगा. दरअसल, हाई फ्लो ऑक्सीजन के कारण कई बार मरीज का मुंह और गला सूख जाता है, जिससे बोलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा हाई फ्लो ऑक्सीजन से सांस लेने में दिक्कत या सीने में दर्द जैसी समस्या हो सकती है.