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India Daily

Pope Francis Dies: ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस से जब PM मोदी ने की थी मुलाकात, भारत आने का दिया था निमंत्रण

Pope Francis Dies: वेटिकन ने सोमवार को बताया कि रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
When PM Modi Met Catholic Church Leader And Invited Him To India
Courtesy: @narendramodi

Pope Francis Dies: कैथोलिक चर्च सर्वोच्च धर्मगुरु और ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक गुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार की सुबह निधन हो गया. उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से डबल निमोनिया से जूझ रहे थे. वेटिकन के 'कासा सांता मार्टा' स्थित निवास में पोप फ्रांसिस ने सोमवार की सुबह करीब 7:35 बजे अंतिम सांस ली. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस से मिल भी चुके हैं. उन्होंने अक्टूबर 2021 में वेटिकन सिटी में पोप से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें कोविड-19 महामारी, वैश्विक शांति और समाजसेवा जैसे विषय शामिल थे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोप फ्रांसिस से पहली सीधी भेंट थी, जो 2013 से कैथोलिक चर्च के प्रमुख पद पर थे.

G7 सम्मेलन में फिर हुई मुलाकात, पीएम मोदी ने भारत आने का दिया था निमंत्रण

साल 2024 में, इटली के अपुलिया में आयोजित G7 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस एक बार फिर मिले. इस बार दोनों नेताओं ने एक गर्मजोशी भरा आलिंगन किया और सौहार्दपूर्वक बातचीत की. इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दिया. भारत एशिया में दूसरा सबसे बड़ा कैथोलिक आबादी वाला देश है, ऐसे में यह निमंत्रण खास मायने रखता है.

G7 बैठक के दौरान दुनिया के अन्य नेताओं की मौजूदगी में पोप और पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागर से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया. यह मुलाकात सिर्फ औपचारिक नहीं थी, बल्कि वैश्विक सहयोग और शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी गई.

पोप फ्रांसिस के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख

88 वर्ष की उम्र में पोप फ्रांसिस का निधन वेटिकन स्थित उनके निवास ‘कासा सांता मार्ता’ में हुआ. उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया. सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस के साथ अपनी पिछली मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

प्रधानमंत्री ने लिखा, “पोप फ्रांसिस का जाना हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है. वे करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रभु यीशु के आदर्शों के अनुरूप मानव सेवा में समर्पित कर दिया.”

भारत और वेटिकन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध

भारत और वेटिकन सिटी के बीच 1948 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे. तब से अब तक दोनों देशों के संबंध सौहार्दपूर्ण रहे हैं. पोप फ्रांसिस और पीएम मोदी की मुलाकातें इस मित्रता को और मजबूती देने का कार्य कर रही थीं.

अंतिम दिनों में स्वास्थ्य रहा कमजोर

पिछले कुछ महीनों से पोप फ्रांसिस का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा था. उन्हें ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए फरवरी में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में पता चला कि उन्हें डबल निमोनिया और प्लेटलेट्स की कमी की समस्या भी थी, जिसके लिए उन्हें खून चढ़ाया गया.

अपनी मृत्यु से एक दिन पहले, पोप फ्रांसिस ने अपने अंतिम ट्वीट में जीवन का सार व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, “मसीह जी उठे! ये शब्द हमारे अस्तित्व का संपूर्ण अर्थ बताते हैं, क्योंकि हम मृत्यु के लिए नहीं, बल्कि जीवन के लिए बनाए गए हैं."

जर्मनी के भावी चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने उन्हें 'न्याय और सुलह के लिए समर्पित नेता' बताया. इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग ने उन्हें "शांति और करुणा से भरे एक गहरे आस्था वाले व्यक्ति" के रूप में याद किया.

यूरोपीय संघ की अध्यक्ष रोबर्टा मेत्सोला ने कहा, “'पीपल्स पोप' पोप फ्रांसिस का मुस्कुराता चेहरा दुनियाभर के लोगों के दिलों को छू गया. वे जीवन, शांति, समानता और सामाजिक न्याय के प्रतीक बनकर रहेंगे."