Pope Francis Death: कैथोलिक चर्च की परंपराओं में कई ऐसे प्रतीक हैं जो पोप की सत्ता और जिम्मेदारियों को दर्शाते हैं. इन्हीं में से एक है मछुआरे की अंगूठी (The Fisherman’s Ring). पोप फ्रांसिस के निधन के बाद यह अंगूठी एक बार फिर चर्चा में है. आइए जानें क्या है इसका इतिहास, इसका महत्व, और पोप फ्रांसिस से इसका खास रिश्ता.
मछुआरे की अंगूठी क्या है?
मछुआरे की अंगूठी पोप की आधिकारिक मुहर मानी जाती है. इस अंगूठी पर संत पीटर (Saint Peter) की छवि उकेरी होती है, जो ईसाई धर्म के पहले पोप माने जाते हैं और पेशे से मछुआरे थे. बाइबिल में यीशु ने संत पीटर को "मनुष्यों का मछुआरा" कहा था, जिससे यह अंगूठी जुड़ी हुई है.
अंगूठी पर वर्तमान पोप का नाम भी अंकित होता है. पुराने समय में इसका उपयोग आधिकारिक दस्तावेजों पर मोहर लगाने के लिए किया जाता था.
पोप के निधन के बाद क्या होता है इस अंगूठी का?
जब किसी पोप का निधन होता है, तब यह अंगूठी तोड़ दी जाती है या उसे खराब कर दिया जाता है. यह कार्य चर्च के एक वरिष्ठ अधिकारी कैमरलेंगो (Camerlengo) द्वारा किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि पोप की मृत्यु के बाद इस अंगूठी का कोई दुरुपयोग न हो सके, और कोई भी व्यक्ति इस मुहर का गलत इस्तेमाल न कर पाए.
यह परंपरा 1521 से चली आ रही है, और आज भी इसे पूरी गंभीरता के साथ निभाया जाता है.
पोप फ्रांसिस की अंगूठी क्यों थी खास?
पोप फ्रांसिस ने परंपरा से हटकर एक अनोखा निर्णय लिया था. उन्होंने नई अंगूठी बनवाने की बजाय एक पुरानी अंगूठी पहनना चुना. यह अंगूठी पोप पॉल VI के सचिव की थी और सोने की बजाय चांदी पर सोने की परत चढ़ी हुई थी.
यह फैसला पोप फ्रांसिस की सादगी भरी जीवनशैली और विनम्र स्वभाव को दर्शाता है. उन्होंने चर्च में भव्यता से अधिक विनम्रता को महत्व दिया.
अब क्या होगा इस अंगूठी का?
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद, उनकी मछुआरे की अंगूठी को परंपरा अनुसार नष्ट कर दिया जाएगा. कैमरलेंगो इस कार्य को पोप चुनाव (Conclave) से पहले अंजाम देंगे. इसके बाद एक नए पोप का चुनाव किया जाएगा.