पाकिस्तान की आलोचना होना कोई नई बात नहीं है. देश में हर दिन कुछ न कुछ ऐसा घटित होता है जो चर्चा का विषय बनता है. इस बार पीएम शहबाज शरीफ के आवास पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने बड़ा डिप्लोमैटिक ब्लंडर कर दिया. पीएम शहबाज शरीफ के आलास की एंट्री गेट पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने जर्मनी की मंत्री से उनका हैंडबैग चेक करने के लिए मांग दिया.
सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उनसे बैग छोड़कर पीएम से मिलने जाने को कहा. इससे जर्मनी की संघीय विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज़े खफा हो गईं और वहां से लौटने लगीं. जब वो वहां से लौटने लगीं तो सुरक्षा कर्मियों को गलती का अहसास हुआ और उन्हें बैग के साथ अंदर जाने की इजाजत दे दी.
Islamabad: Als Entwicklungsministerin Schulze zu ihrem Termin mit Pakistans Premier Sharif eintrifft, verlangen seine Sicherheitsleute, dass sie ihre Handtasche abgibt.
— Andreas Kynast (@andikynast) August 21, 2024
Schulze dreht um und geht zurück in Richtung Auto.
Plötzlich darf die Handtasche mit rein. pic.twitter.com/tFiSBL73qz
दरअसल, जर्मनी की संघीय विकास मंत्री स्वेंजा शुल्जे गुरुवार को पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात करने पहुंचीं. जब वो पीएम आवास के गेट पर पहुंची तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड ने उन्हें बैग देने के लिए कहा. उनसे यह बैग छोड़कर पीएम से मिलने के लिए कहा गया. इस पर शुल्ज़े ने बैग देने से इनकार किया और पीछे मुड़कर अपनी कार की ओर जाने लगीं. मीटिंग रद्द होने ही वाली थी, इससे पहल की स्वेंजा शुल्जे वहां से लौट जाती उन्हें बैग के साथ जाने की अनुमति मिल गई.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे लोग ब्लंडर बता रहे हैं. पाकिस्तान के विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के प्रति मेहमाननवाजी पर सवाल उठाने लगे हैं. जिस तरह का व्यवहार किया गया उसकी आलोचना हो रही है. हालांकि इस भूल सुधार के बाद जर्मन मंत्री ने पीएम से मुलाकात की.
प्रेस इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट (पीआईडी) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति मे कहा गया कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान और जर्मनी के बीच परस्पर लाभकारी वाणिज्यिक और आर्थिक संबंधों की प्रशंसा की और पाकिस्तान के औद्योगिक विकास में जर्मनी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने सतत विकास, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण और आर्थिक विकास के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया.