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जिस देश में सिर्फ बसी थीं झुग्गी-झोपड़ियां, वहां कैसे होने लगी पैसों की बारिश? समझिए क्या है सिंगापुर के अमीर होने की कहानी

Singapore History: एक वक्त ऐसा था जब सिंगापुर देश काफी गरीब था. वहां 80 % लोग झुग्गियों में रहते थे. यह साल 1959 की बात है. लेकिन बाद में सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली क्वान यू ने इकॉनमी को बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए. उन्होंने कई ऐसे नियम बनाए जिससे लोगों ने उन्हें डिक्टेटर बता दिया. ली क्वान यू के राज में 30 दशक के बाद सिंगापुर विकसित देश बन गया.

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Edited By: India Daily Live
PM Modi Visits Singapore
Courtesy: Pinterest

PM Modi Visits Singapore: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई और सिंगापुर के तीन दिवसीय यात्रा के दौरे पर हैं. 3 सितंबर ,मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई के एयरपोर्ट पहुंचे. यहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया था. इसके बाद आज पीएम मोदी सिंगापुर पहुंचेंगे. सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे. 

क्या आपको पता है कि सिंगापुर देश में एक समय केवल झुग्गी-झोपड़ियां बसी हुई थी. जी हां, एक समय सिंगापुर में लोग झुग्गी झोपड़ियों में रहने के लिए मजबूर थे और उस समय आम जरूरत भी मौजूद नहीं थी. फिर अचानक क्या हुआ जिसके बाद सिंगापुर अमीर देशों में से एक बना गया है? चलिए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी.

ब्रिटेन की कॉलोनी

कई देशों की तरह सिंगापुर भी लंबे समय के लिए ब्रिटेन की कॉलोनी रहा था. 11 अप्रैल 1959 में उन्हें पहली सिंगापुर को पहली बार सेल्फ रूल का अधिकार मिला. सिंगापुर के ली क्वान यू पहले प्रधानमंत्री बने. इस समय इकॉनमी बर्बाद थी. ब्रिटेन ने काफी समय तक के लिए सिंगापुर को ट्रेड पोर्ट के रूप में इस्तेमाल किया था. जब ब्रिटेन को फायदा मिलना बंद हो गया तो नुकसान होने लगा तो वे चले गए. साल 1959 सिंगापुर की 80 % जनता झुग्गियों में रहती थी. 

छोटी-छोटी कैंपेन

प्रधानमंत्री ली क्वान यू ने इकोनॉमी ठीक करने के लिए 1963 में  सिंगापुर का मलेशिया में विलय किया. लेकिन मलेशिया की सरकार ने ऐसे नियम बनाएं जिससे मलय लोगों को ज्यादा अधिकार दिए गए.  बाद में दिक्कत इतनी बढ़ गई की 1965 में मलेशिया ने अलग होने का फैसला लिया. फिर मलेशिया और सिंगापुर अलग हो गए. इसके बाद ली क्वान यू के पास कोई सहारा नहीं था जिससे वे गरीबी से निकल पाए लेकिन हिम्मत करते हुए उन्होंने छोटे-छोटे कैंपेन चलाए. जिसमें अच्छी अंग्रेजी बोलो, घर साफ रखो, जैसी छोटी-छोटी कैंपेन शामिल थे. 

नागरिकों को मिला घर 

धीरे-धीरे जोर जबरदस्ती शुरू हो गई. गलत कामों पर फाइन लगने लगा. च्यूइंग गम रास्ते पर थूकने पर भी फाइन था. ली क्वान यू का मानना था कि जब तक कानून का राज नहीं होगा तब तक देश आर्थिक प्रगति नहीं करेगा. इन सब के बाद ली क्वान को एक डिक्टेटर बता दिया गया. ली क्वान ने इंडस्ट्री को प्रमुखता दी और टैक्स रेट लो रखे इससे बिजनेस खूब फैला. इसके बाद साल 1966 में सरकार जमीन अधिग्रहण कानून लाई ताकि लोग कम दाम में अपना घर खरीद सकें. इसके लिए सरकार ने अलग-अलग स्कीम भी जारी की थी जिससे लोग सेविंग्स करके अपने घर खरीदें. स्कीम के जरिए के 80 % नागरिकों को अपना घर मिला. 

सिंगापुर बना विकसित देश

इसके बाद ली क्वान यू ने बिजनेस शुरू किए उन्होंने बिजनेस की शर्तों में रियायत देकर फॉरेन कम्पनीज को देश में बुलाया. ऐसे करते हुए देश हर साल 9% से शानदार विकास किया. वहीं  ली क्वान ने भ्रष्टाचार न हो इसके लिए भी उपाय खोजे थे. उन्होंने सरकारी अधिकारियों की सैलरी अच्छी कर दी और भ्रष्टाचार से जुड़े सख्त नियम बनाएं. इसके बाद महस 3 दशक बाद सिंगापुर विकसित देश बन गया.  शिपिंग, पेट्रोकेमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में नंबर 1 हो गया और देश में  ढाई लाख लोग करोड़पति बन गए.