प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की और दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी भीषण युद्ध के बीच शांति को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दोहाराई. सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी को अपने यहां आमंत्रित किया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने पुतिन से बात की और उन्हें दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई दी. हम आने वाले वर्षों में भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा और विस्तारित करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए.'
एक अन्य पोस्ट में पीएम ने कहा कि उन्होंने भारत औ यूक्रेन की साझेदारी को मजबूत करने के लिए जेलेंस्की से भी बात की.
पीएम ने आगे कहा, 'हमने शांति के लिए सभी प्रयासों और चल रहे संघर्ष को जल्द समाप्त करने के लिए भारत के निरंतर समर्थन से अवगत कराया. भारत हमारे जन-केंद्रित दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा.'
जवाब में जेलेंस्की ने कहा, 'मैंने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता, मानवीय सहायता और शांति को लेकर बैठकों में भारत की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त करने के लिए पीएम मोदी से बात की. शांति शिखर सम्मेलन जिसकी तैयारी इस समय स्विटजरलैंड में चल रही है, के उद्घाटन में भारत को भाग देखना हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर बात की, जिसमें निकट भविष्य में दिल्ली में हमारी टीमों की एक बैठक और सहयोग पर अंतर सरकारी आयोग का एक सत्र शामिल होना चाहिए.' जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का इच्छुक है. हम विशेषतौर पर कृषि निर्यात, एविएशन सहयोग, फार्मास्यूटिकल और औद्योगिक उत्पाद व्यापार में संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं.
'यूक्रेन भारतीय छात्रों का स्वागत करने की इच्छा रखता है'
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय छात्र यूक्रेन के शिक्षण संस्थानों में आकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. बता दें कि रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद भारत ने यूक्रेन में पढ़ रहे अपने छात्रों को वापस बुला लिया था.
युद्ध पर भारत ने अपनाया तटस्थ रुख
फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर पश्चिम के आक्रोश के बावजूद भारत ने इस युद्ध पर तटस्थ रुख अपना हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि यह युग युद्ध का युग नहीं है. जी20 शिखर सम्मेलन में उन्होंने यही बात दोहराई थी.