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India Daily

Climate Confrence Dubai: PM मोदी आज से दो दिनों के दुबई दौरे पर, COP 28 क्लाइमेट समिट में लेंगे भाग

COP-28 Confrence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबई में आयोजित होने वाले कॉप-28 जलवायु सम्मेलन में भाग लेने आज यूएई के लिए रवाना होंगे. समिट में दुनियाभर के 160 से ज्यादा नेता पर्यावरणीय चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा करेंगे.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
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हाइलाइट्स

  • समिट में क्लाइमेट फाइनेंसिंग पर होगी चर्चा 
  • तीसरी बार जलवायु सम्मेलन में लेंगे भाग 

Climate Confrence Dubai: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दुबई के लिए रवाना होंगे. दो दिन की इस यात्रा में पीएम मोदी आज दुबई में होने वाली कॉप-28 की वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट में भाग लेंगे. अपने दौरे के दौरान वे कई नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे. यह बैठक 12 दिसंबर तक चलेगी. इस बैठक में दुनियाभर के 160 से ज्यादा नेता जलवायु परिवर्तन और इसके समाधान के मसले पर चर्चा करेंगे.


समिट में क्लाइमेट फाइनेंसिंग पर होगी चर्चा 


बीते कुछ सालों में क्लाइमेट चेंज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. इस बैठक का फोकस फॉसिल फ्यूल और कार्बन एमिशन पर लगाम लगाने पर है.  इस दौरान क्लाइमेट चेंज से निपटने में आर्थिक मदद देने पर भी चर्चा की जाएगी. पिछले साल कॉप-27 में 200 देशों ने एक समझौता किया था. इस समिट में गरीब देशों के लिए फंड बनाने का प्रावधान किया गया था. इस बार किस देश को कितना मुआवजा किस आधार पर देना होगा यह तय किया जाएगा. 


रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा कार्बन उत्सर्जन 

दुनिया भर में भीषण गर्मी, सूखा, जंगल की आग, तूफान और बाढ़ का असर आजीविका और मानव जीवन पर पड़ रहा है. 2021-2022 में वैश्विक कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. इसका लगभग 90 फीसदी हिस्सा जीवाश्म ईंधन से आता है. कॉप-28 समिट के दौरान किंग चा‌र्ल्स तृतीय, पोप फ्रांसिस और लगभग 200 देशों के नेता इन पर्यावरणीय मुद्दों को प्रमुखता से संबोधित करेंगे.

तीसरी बार जलवायु सम्मेलन में लेंगे भाग 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार क्लाइमेट समिट में भाग ले रहे हैं. पीएम मोदी इससे पहले 2021 में ग्लासगो में हुए COP26 सम्मेलन में हिस्सा लिया था. उस दौरान उन्होंने क्लाोइमेट चेंज से निपटने के लिए पंचामृत नीति और मिशन लाइफ की घोषणा की थी. 2015 पेरिस में वे COP 21 में भी शामिल हुए थे. इस दौरान 190 से ज्यादा देशों ने भाग लिया था. इस सम्मेलन में वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की बात की गई थी.