भारत के प्रधानमंत्री दो दिन के रूस दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि रूस उन लोगों को छोड़ देगा जो रूस की सेना में काम कर रहे हैं और उसकी ओर से युद्ध ल़ड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, इन लोगों को रूस की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी की तलाश में गए इन लोगों को धोखे से सेना में शामिल करवा दिया गया था और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में झोंक दिया गया था. अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में व्लादिमीर पुतिन से बात की थी और पुतिन ने उनकी बात मान भी ली है. ऐसे में रूस में फंसे भारतीयों के लौटने का रास्ता अब साफ हो गया है.
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में युद्ध शुरू हुआ था. लगभग दो साल से ज्यादा समय से जारी इस युद्ध में अभी तक कम से कम 4 भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं. तमाम भारतीय नागरिक ऐसे हैं जिन्हें रूस में अच्छी नौकरियों या पढ़ाई का झांसा देकर भेजा गया था लेकिन उन्हें सेना में काम करने पर मजबूर होना पड़ा. इसमें कई भारतीय नागरिक ऐसे भी हैं जिन्हें युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया.
Gratitude to President Putin for hosting me at Novo-Ogaryovo this evening. Looking forward to our talks tomorrow as well, which will surely go a long way in further cementing the bonds of friendship between India and Russia. pic.twitter.com/eDdgDr0USZ
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2024
भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कम से 30 से 40 भारतीय अभी भी रूस की सेना में काम कर रहे हैं. पहले कई ऐसी रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं कि भारत लौटने की चाहत के बावजूद कई भारतीय नागरिक रूसी सेना से निकल नहीं पा रहे हैं. इसी तरह के 10 नागरिकों को भारत लाया भी गया है. भारत सरकार ने राजनयिक स्तर पर इसके लिए प्रयास शुरू भी किए थे लेकिन औपचारिक तौर पर इसके लिए सहमति नहीं मिली थी. पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद पुतिन ने आश्वासन दिया है कि वह भारतीय नागरिकों को भारत भेजने में मदद करेंगे.
पीएम मोदी आज फिर व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. बता दें कि 2019 के बाद यह पीएम मोदी का पहला रूसी दौरा है. उनके एजेंडे में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया गया था. भारत में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी मांग उठाई थी कि पीएम मोदी उन भारतीयों के लौटने का मुद्दा उठाएं जो युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं और सेना में काम करने को मजबूर हैं.