Please Help Us: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अवैध अप्रवासियों पर की गई कड़ी कार्रवाई के चलते, अमेरिका से भेजे गए 300 से ज्यादा अवैध अप्रवासी, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, इस समय पनामा के एक होटल में हिरासत में रखे गए हैं. अधिकारी इन निर्वासितों को उनके गृह देशों में वापस भेजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
प्रमुख समाचार एजेंसियों के साझा की गई तस्वीरों में पनामा सिटी के डेकापोलिस होटल में बंद निर्वासितों को खिड़कियों पर 'कृपया हमारी मदद करें' और 'हम सुरक्षित नहीं हैं' लिखे हुए बोर्ड पकड़े देखा गया है. वहीं, पुलिस अधिकारी होटल परिसर के बाहर सुरक्षा में तैनात हैं.
एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिरासत में लिए गए अधिकांश निर्वासित भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, वियतनाम और ईरान के नागरिक हैं. अमेरिका को इनमें से कुछ देशों में निर्वासन प्रक्रिया में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण पनामा को ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने स्पष्ट किया कि, 'हमने इन अप्रवासियों को उनकी सुरक्षा के लिए अस्थायी रूप से हिरासत में लिया है. उनकी स्वतंत्रता छीनी नहीं गई है, बल्कि हम उन्हें चिकित्सा सहायता और भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.' यह समझौता पनामा और अमेरिका के बीच हुई एक प्रवास नीति के तहत किया गया है, जिसमें वाशिंगटन सभी खर्चों का वहन करेगा.
पनामा सरकार के मुताबिक, जो निर्वासित अपने देश वापस जाना चाहते हैं, उन्हें जल्द ही भेजा जाएगा. जबकि जो अपने देश लौटने से इनकार कर रहे हैं, उन्हें कोलंबिया की सीमा के पास स्थित डेरियन जंगल में शरणार्थी कैंप में स्थानांतरित किया जाएगा. 'अब तक 171 अप्रवासियों ने स्वेच्छा से अपने देश लौटने की इच्छा जताई है, जबकि 97 निर्वासितों को डेरियन शिविर में भेज दिया गया है.' – फ्रैंक अब्रेगो
इस बीच, 5 फरवरी से अमेरिका ने तीन अलग-अलग निर्वासन उड़ानों के जरिए 332 भारतीय नागरिकों को वापस भारत भेजा है. जिसमें 5 फरवरी को 104 भारतीय वापस भेजे गए. 15 फरवरी को 116 नागरिक अमृतसर पहुंचे. 16 फरवरी को 112 लोग भारत लौटे. इन निर्वासित भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें यात्रा के दौरान हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर रखा गया था, जिससे अमेरिका में भारी विरोध हुआ.