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'मां मुझे जवाब दो...तुम क्यों चली गईं', इजरायली हमले में मारी गई मां को मुर्दाघर का दरवाजा खटखटाकर पुकारता बेटा, दिल दहला देने वाला वीडियो

यह दृश्य न केवल एक बेटे के लिए एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समूचे गाजा और फिलिस्तीन के लोगों की दुखद स्थिति को भी दर्शाता है. यह युद्ध सिर्फ सरकारों के बीच नहीं है, बल्कि यह निर्दोष नागरिकों के लिए जीवन और मौत का प्रश्न बन गया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Palestinian son calling his mother killed in an Israeli attack by knocking mortuary door

गाजा में चल रहे संघर्ष ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है और इन परिवारों में से एक की कहानी दिल दहला देने वाली है. एक बेटा, जो अपनी मां की मौत के बाद गहरे शोक में डूबा हुआ था, मुर्दाघर के दरवाजे पर खड़ा था, उसे पुकारते हुए: "मां...मुझे जवाब दो मां...तुम क्यों चली गईं?" यह दृश्य एक मां की अचानक हुई मौत और उसके बेटे की पीड़ा को दर्शाता है. यह एक ऐसी घटना है, जिसे कोई भी दिल से महसूस कर सकता है, और यह युद्ध की भयावहता और मानवता की दरिंदगी को सामने लाता है.

मां को याद करते हुए बिलख-बिलख कर रोया बेटा

यह बेटा अपनी मां की लाश को पहचानने के लिए मुर्दाघर पहुंचा था, जो इजरायली हवाई हमले में मारी गई थी. हताश और टूटे हुए, उसने मुर्दाघर के दरवाजे को खटखटाया, मां के नाम की पुकार लगाई, और आंसुओं से भरी आवाज में उसे वापस लाने की प्रार्थना की. यह दृश्य न केवल एक बेटे के लिए एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समूचे गाजा और फिलिस्तीन के लोगों की दुखद स्थिति को भी दर्शाता है. यह युद्ध सिर्फ सरकारों के बीच नहीं है, बल्कि यह निर्दोष नागरिकों के लिए जीवन और मौत का प्रश्न बन गया है.

हर रोज मर रही किसी की मां, किसी का बेटा
इजरायली हमले में मारे गए लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिनमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की भी बड़ी संख्या है. यह बेटा और उसकी मां का दुखद उदाहरण सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि यह गाजा में हो रहे सैकड़ों, हजारों अन्य परिवारों की पीड़ा का प्रतिनिधित्व करता है. इजरायली हमलों के बाद, कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और कई परिवारों को अपने प्रियजनों की लाशों का सामना करना पड़ा है.

संघर्ष में मानवीय त्रासदी
यह बेटा जिस प्रकार से अपनी मां को पुकार रहा था, वह केवल एक व्यक्तिगत संकट नहीं, बल्कि संघर्ष की पूरी हकीकत को उजागर करता है. युद्ध में हर हताहत के पीछे एक परिवार होता है, जिनका जीवन तबाह हो जाता है. इस दुखद घटना के जरिए हमें यह समझने की जरूरत है कि युद्ध में सिर्फ सैनिक नहीं मारे जाते, बल्कि लाखों नागरिक भी अपनी जान गंवाते हैं, और उनका नुकसान समाज पर हमेशा के लिए असर डालता है.

क्या दुनिया अब भी देखेगी इस संघर्ष की वास्तविकता?
इस दृश्य ने न केवल गाजा में हो रही मानव त्रासदी को उजागर किया है, बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि क्या दुनिया अब भी इस संघर्ष को नजरअंदाज करेगी? जब तक युद्ध जारी रहेगा, तब तक ऐसे दर्दनाक दृश्य हमारे सामने आते रहेंगे. यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इन घटनाओं पर ध्यान दें और मानवीय दृष्टिकोण से सोचें, ताकि आने वाली पीढ़ियों को ऐसी त्रासदियों से बचाया जा सके.