पाकिस्तान से अराजकता का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से नाराज लोगों ने अदालत पर ही हमला बोल दिया. इतना ही नहीं, फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की हत्या करने वाले को एक करोड़ का इनाम देने का ऐलान भी कर दिया गया है. बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा के एक आरोपी को बरी कर दिया था जिस पर वहां की जनता को गुस्सा आ गया और उसने सुप्रीम कोर्ट पर ही हमला बोल दिया. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है जिसमें देखा जा रहा है कि एक बड़ी भीड़ सुप्रीम कोर्ट परिसर में जबरन घुस गई है और वहां अफरा-तफरी मची हुई है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हुए प्रदर्शन की अगुवाई आलमी मजलिस तहफ्फुज-ए-नबूवत ने की. साथ ही, जमात-ए-इस्लामी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता भी सड़क पर उतरे. इन लोगों ने फैसला पलटने और चीफ जस्टिस के इस्तीफे की मांग की. अचानक यह भीड़ सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ गई और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई. यह मामला 6 फरवरी 2024 से शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने अहमदिया समुदाय से आने वाले मुबारक अहमद सानी को रिहा करने का आदेश दिया था.
दरअसल, मुबारक अहमद सानी को 7 जनवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था. उस पर आरोप थे कि साल 2019 में उसने एक कॉलेज में एफसीर-ए-सगीर नाम की किताब बांटी थी. इस किताब में मिर्जा बशीर अहमद ने कुरान की व्याख्या अपने हिसाब से की है जिसके चलते इसका विरोध किया जाता है. साथ ही, अहमदिया समुदाय को भी वहां धर्मभ्रष्ट माना जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब सानी ने किताब बांटी थी तब यह वह कानूनन अपराध नहीं था ऐसे में उसे रिहा किया जाता है. इस केस में सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त को फिर से सुनवाई करे.
बता दें कि तहरीक के लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के नेता अमीर पीर जहीर-उल-हसन शाह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है कि उन्होंने चीफ जस्टिस काजी फैसल ईसा को जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने फतवा जारी किया था कि ईसा की हत्या करने वाले को 1 करोड़ का इनाम दिया जाएगा.