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India Daily

UAE में पाकिस्तानी भिखारियों का आतंक, वीजा हो रहे रिजेक्ट, घबराए PM शहबाज शरीफ ने उठाया ये कदम

यूएई के भीतर पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ रही संख्या को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब UAE जाने वाले हर पाकिस्तानी की गहन जांच होगी, क्योंकि यूएई पाकिस्तानियों का वीजा रिजेक्ट कर रहा है.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Pakistan
Courtesy: x

Pakistan: हाल ही में खबर आई थी कि UAE पाकिस्तानियों के वीजा रिजेक्ट कर रहा है, जिसके बाद पाकिस्तान ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब, यूएई जाने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है. पाकिस्तान के इमिग्रेशन ब्यूरो के महानिदेशक, मुहम्मद तैय्यब ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि यह निर्णय सभी प्रकार की यात्रा के लिए लागू होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पाकिस्तानी बिना उचित मंजूरी के यूएई न जा सके.

इस कदम के पीछे मुख्य वजह पाकिस्तानी नागरिकों, विशेषकर भिखारियों और नियमों का उल्लंघन करने वालों की बढ़ती तादात है, जो यूएई में पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे. इमिग्रेशन ब्यूरो ने सभी यूएई ट्रैवल एजेंट्स को इस नई नीति का पालन करने का निर्देश दिया है. 

हाल ही में वीजा रिजेक्शन का उठा था मुद्दा

कुछ समय पहले खबरें आई थीं कि यूएई पाकिस्तानियों को वीजा देने में आनाकानी कर रहा है, जिसके कारण पाकिस्तान के सांसदों ने सवाल उठाए. पाकिस्तानी सांसद शहादत अवान ने इस मामले पर चिंता जताई, तो मुहम्मद तैय्यब ने बताया कि यूएई पहले भी पाकिस्तानी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन अब कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में ही वीजा रिजेक्शन हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि अकुशल श्रमिकों को वीजा मिलना कठिन हो गया है, जबकि कुशल श्रमिकों को कोई समस्या नहीं हो रही है. 

पाकिस्तान यूएई में बढ़ा रहा संख्या

पाकिस्तानी सचिव अरशद महमूद ने कहा कि पाकिस्तान और यूएई के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है, ताकि अधिक कुशल श्रमिकों को अवसर मिल सके. उन्होंने बताया कि यूएई में पाकिस्तानी श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसी साल 65,000 पाकिस्तानी यूएई गए हैं.

पाकिस्तान के लिए शर्मनाक

हालांकि, पाकिस्तान के सांसद नासिर बट ने वीजा रिजेक्शन को पाकिस्तान के लिए शर्मनाक करार दिया. महमूद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वीजा मामलों का निर्णय विदेश मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जबकि उनका मंत्रालय रोजगार से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.