Pakistan Army Beat Up Police Cops: पाकिस्तानी सेना ने अवैध हथियार के एक मामले में बहावलनगर पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें सेना के जवान पुलिस वालों को पीटते दिख रहे हैं. कहा जा रहा है कि मामला सेना के जवान के पास से अवैध हथियार के बरामद होने से जुड़ा है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को बहावलनगर में सेना की वर्दी में लोगों को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की पिटाई करने वाले वीडियो सामने आए. वीडियो में पुलिस अधिकारियों के लहूलुहान चेहरे और शरीर पर पिटाई के निशान दिखाई दे रहे थे. सूत्रों ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने 8 अप्रैल को खलील नाम के सेना के SSG (स्पेशल सर्विस ग्रुप) कमांडो के घर पर छापा मारा. इस दौरान पुलिसकर्मियों को सेना के जवान और उसके रिश्तेदारों ने बंदी बना लिया.
पकड़े गए पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए पुलिसकर्मियों की एक टीम सेना के जवान के घर पहुंची. अपने साथियों को छुड़ाने के बाद पुलिस ने SSG कमांडो, उसके पिता अनवर जाट, उसके भाइयों और उसके परिवार की महिला सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. सेना के जवान और उसके रिश्तेदारों को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित भी किया गया, लेकिन पुलिस रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया.
#BREAKING Pakistan army soldiers beat up police officials in #Bahawalnagar after a dispute over illegal weapons recovery from one of the family members of a soldier. Reports of several police officials beaten & police stations attacked. Is the military in Pakistan above the law? pic.twitter.com/8moDrE656L
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) April 10, 2024
कमांडो की गिरफ्तारी और उसके परिवार को प्रताड़ित करने की जानकारी के बाद मामले में हस्तक्षेप किया. सेना ने कमांडो खलील, उसके पिता और भाइयों और परिवार के अन्य सदस्यों को अवैध हिरासत में रखने के लिए कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
इससे पहले जिस थाने में कमांडो और उसके परिवार को बंद किया गया था, वहां 7-8 गाड़ियों में सेना के जवान पहुंचे. उन्होंने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों पर राइफल की बटों और लाठियों से हमला किया. वीडियो के मुताबिक, थाना प्रभारी और उनके स्टाफ को बेरहमी से पीटा गया, जिसके निशान उनके शरीर पर दिख रहे हैं.
डिप्टी कमिश्नर जुल्फिकार अहमद भून, जिला पुलिस प्रमुख नसीबुल्लाह खान और सेना के अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हस्तक्षेप किया और मामला शांत हो गया. लेकिन पुलिस स्टेशन में सैनिकों के आचरण को लेकर पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई. पत्रकारों, राजनेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सेना की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई.