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India Daily

इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका, क्या बिना बल्ले के चुनावी पिच पर उतरेंगे पाकिस्तान के पूर्व PM?

22 दिसंबर को PTI के चुनाव चिन्ह पर विवाद शुरू हुआ था. दरअसल, 8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव के पहले पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी के आंतरिक चुनाव को खारिज कर दिया था और चुनाव चिन्ह छीन लिया था.

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Edited By: Om Pratap
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हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान आम चुनाव में PTI के उम्मीदवार निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले से PTI को आम चुनाव में हो सकता है नुकसान

Pakistan supreme court snatches imran khan party pti bat election symbol: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को पेशावर उच्च न्यायालय (PHC) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें आगामी आम चुनावों के लिए पार्टी के चुनाव चिन्ह 'बल्ले' को बहाल किया गया था. फैसले का मतलब है कि PTI के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरना होगा. पूरे दो दिन तक चली मैराथन सुनवाई के बाद शनिवार आधी रात से थोड़ा पहले सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया.

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की पीठ (जस्टिस काजी फ़ैज़ ईसा, जस्टिस मुहम्मद अली मज़हर और जस्टिस मुसर्रत हिलाली) ने PTI के चुनाव चिह्न को बहाल करने के पीएचसी के फैसले को चुनौती देने वाली इलेक्शन कमिशन ऑफ पाकिस्तान की याचिका पर सुनवाई की. फैसले सुनाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि हम PHC के फैसले को रद्द करते हैं और इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान के फैसले को बहाल करते हैं. बता दें कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने पेशावर हाईकोर्ट (PHC) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. PHC ने बुधवार को इमरान की पार्टी के आंतरिक चुनावों को वैध करार दिया था और चुनाव चिह्न 'बल्ला' को बहाल कर दिया था.

क्यों और कैसे शुरू हुआ था चुनाव चिन्ह वाला विवाद?

22 दिसंबर को PTI के चुनाव चिन्ह पर विवाद शुरू हुआ था. दरअसल, 8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव के पहले पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी के आंतरिक चुनाव को खारिज कर दिया था और चुनाव चिन्ह छीन लिया था. चुनाव आयोग के फैसले के बाद इमरान की पार्टी हाईकोर्ट पहुंची थी. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आयोग के फैसले को रद्द कर दिया. इसके बाद आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. 

चुनाव चिन्ह खोने का मतलब क्या?

इमरान की पार्टी से चुनाव चिन्ह के छीन लिए जाने का मतलब है कि पीटीआई के उम्मीदवारों को या तो निर्दलीय या फिर अलग-अलग चुनाव चिन्ह पर चुनावी मैदान में जाना होगा. इससे पार्टी के समर्थकों यानी वोटरों में भ्रम पैदा हो सकता है, जिसका इमरान को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. बता दें कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता अली जफर ने बताया कि हमारे उम्मीदवार बिना बल्ला चुनाव चिन्ह के चुनावी मैदान में उतरेंगे. सभी प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव में उतरेंगे.