पाकिस्तान ने खर्च किए 1000 करोड़ फिर भी नहीं मिला PM: 10 प्वॉइंट्स में समझिए पूरा चुनाव
Pakistan Election: ये पाकिस्तान में सबसे महंगा चुनाव बताया जा रहा है जिसमें करीब एक हजार करोड़ रुपए खर्च हो गए लेकिन कोई प्रधानमंत्री नहीं मिला है. आइए जानते हैं पाकिस्तान चुनाव में अब क्या हुआ 10 प्वाइंट्स में-
Pakistan Election: पाकिस्तान में चुनाव हुए और नतीजे आए, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी. इमरान खान के समर्थन वाले कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. रिपोर्ट के अनुसार, इस चुनाव में करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जो पिछले चुनाव से 28 गुना ज्यादा है. आइए इस चुनाव की अभी तक की स्थिति को 10 प्वाइंट्स में समझने की कोशिश करते हैं.
1. सेना के हस्तक्षेप के आरोपों के बीच देरी से आए नतीजों में नवाज शरीफ की पार्टी सबसे ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है, लेकिन सरकार बनाने के लिए उन्हें दूसरी पार्टियों से गठबंधन करना होगा.
2. बेनजीर भुट्टो की बेटी बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी को भी उम्मीद से ज्यादा सीटें मिली हैं. उनकी पार्टी और नवाज शरीफ की पार्टी ने मिलकर इमरान खान को 2022 में सत्ता से हटाया था.
3. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शरीफ ने लाहौर स्थित पार्टी मुख्यालय में कहा, "हमारी पार्टी के पास अकेले सरकार चलाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है. इसलिए, हम दूसरे दलों और निर्वाचन में जीतने वाले उम्मीदवारों को अपने साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव देते हैं."
4. पाकिस्तान के आम चुनाव में इमरान खान ने जीत का दावा किया. उन्होंने ये बात सोशल मीडिया पर अपने एक्स अकाउंट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने एक वीडियो मैसेज में कही. इमरान खान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख हैं.
5. इमरान खान ने अपने प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ के जीत के दावे को खारिज कर दिया है. खान ने अपने समर्थकों से जश्न मनाने का आह्वान किया. उनका कहना है कि उनकी पार्टी पर दबाव के बावजूद उन्होंने जीत हासिल की है.
6. अभी तक 99 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं, जिनमें से 88 इमरान खान के समर्थक हैं.
7. नवाज शरीफ की पार्टी को 71 और बेनजीर भुट्टो की पार्टी को 53 सीटें मिली हैं. अभी 15 सीटों के नतीजे आने बाकी हैं.
8. चुनाव में छोटी पार्टियों ने मिलकर 27 सीटें जीती हैं, जिनमें से मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने 17 सीटें हासिल कीं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पीटीआई के लिए ये सीटें काफी अहम साबित होंगी.
9. अगर पीटीआई के निर्दलीय उम्मीदवार इन छोटी पार्टियों में से किसी एक से जुड़ जाते हैं, तो वो महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 70 सीटों में से कुछ सीटें पा सकते हैं. ये सीटें चुनाव में जीती गई सीटों के आधार पर आवंटित की जाती हैं.
10. कुल मिलाकर यह स्थिति है. अभी साफ नहीं है कि आखिरकार कौन सी पार्टी पाकिस्तान की अगली सरकार बनाएगी. आने वाले दिनों में गठबंधन की बातचीत काफी अहम होगी.