बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्ते ठीक हुए हैं. 15 साल बाद दोनों देशों ने बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई हैं. इस बीच बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के नरसंहार के लिए मांफी मागने का आग्रह किया है. बांग्लादेश का कहना है कि इससे भविष्य में द्विपक्षीय मुद्दों सुलझाया जा सकेगा. पाकिस्तान ने इन मामलों पर चर्चा के लिए तत्परता व्यक्त की, जिससे 14 साल के अंतराल के बाद वार्ता फिर से शुरू हुई.
बांग्लादेश ने गुरुवार को पाकिस्तान से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान अपने सैनिकों द्वारा किए गए नरसंहार के लिए औपचारिक माफ़ी मांगने को कहा. प्रोथोम एलो की रिपोर्ट के अनुसार, इसने पड़ोसी देश से कई लंबित द्विपक्षीय मामलों को सुलझाने को भी कहा, जिसका उद्देश्य भविष्य के संबंधों के लिए और अधिक ठोस आधार तैयार करना है. बदले में पाकिस्तान ने उन मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है.
15 साल बाद हुई बैठक
बांग्लादेश के विदेश सचिव जसीम उद्दीन ने बैठक में कहा कि पाकिस्तान ने इन मुद्दों पर भविष्य में चर्चा जारी रखने का सुझाव दिया. आज हुई बैठक एक नियमित अभ्यास थी, लेकिन पिछली बैठक 2010 में हुई थी. उद्दीन ने पद्मा स्टेट गेस्ट हाउस में उस सुबह सचिव-स्तरीय वार्ता के दौर के बाद दिन की कूटनीतिक व्यस्तताओं का विवरण साझा किया.
उन्होंने बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि पाकिस्तान की विदेश सचिव अमना बलूच ने उनकी ओर से नेतृत्व किया. वार्ता के बाद, बलूच ने मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से शिष्टाचार भेंट की. वह पिछली दोपहर ढाका पहुंची थीं. पिछले साल, यूनुस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से 1971 के युद्ध से उपजे लंबित मुद्दों को एक बार और हमेशा के लिए हल करने का आह्वान किया था, इस बात पर जोर देते हुए कि ऐसा करने से ढाका इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में आगे बढ़ सकेगा. हालांकि, उन्होंने युद्ध के दौरान अपनी सेना द्वारा किए गए सामूहिक हत्याओं और बलात्कारों पर औपचारिक रूप से माफ़ी मांगने से परहेज किया था.