Pakistan set to train Bangladesh Military: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों ने भारत के लिए चिंता की नई वजह पैदा कर दी है. पाकिस्तान की सेना 53 साल बाद बांग्लादेश में फिर से कदम रखने की तैयारी कर रही है. पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश के सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों का दौरा करने का प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव को बांग्लादेश ने स्वीकार कर लिया है और इस पर बातचीत भी शुरू हो चुकी है. भारत से युद्ध के मैदान में 4 जंग हार चुका पाकिस्तान आखिर बांग्लादेश के साथ मिलकर कौन सी साजिश रच रहा है? पाक और बांग्लादेश के बढ़ता दोस्ताना कहीं इंडिया के लिए खतरना न बन जाए. भारत को इन परिवर्तनों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है ताकि अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखी जा सके.
भारतीय सेना ने 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना को बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया था. अब 53 साल बाद पाकिस्तान सेना के उच्च अधिकारी बांग्लादेश जाने की योजना बना रहे हैं. जनरल साहिर मिर्जा ने बांग्लादेश की सेना के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों, जैसे कि इन्फैंट्री और टैक्टिक्स स्कूल और डिफेंस सर्विसेज कमांड का दौरा करने का प्रस्ताव भेजा है. इसके अलावा, वे बांग्लादेश आर्मी स्टाफ कॉलेज में युवा अधिकारियों को संबोधित करने के लिए भी तैयार हैं.
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंधों का विस्तार केवल भूमि तक सीमित नहीं है. रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश पाकिस्तानी नौसेना के साथ बंगाल की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने की योजना बना रहा है. इसके साथ ही बांग्लादेश 2025 में कराची में होने वाले एएमएएन 2025 नामक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास में भी हिस्सा लेगा. इस प्रकार, पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के बढ़ते सैन्य संबंध भारत के लिए एक नई चुनौती बन सकते हैं.
पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों में यह बदलाव बांग्लादेश के अस्थायी प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद आया है. 2022 में बांग्लादेश ने पाकिस्तानी युद्धपोत पीएनएस तैमूर को अपने बंदरगाह चिटगांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के संकेत दिए हैं.
मोहम्मद यूनुस के शासन में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के लिए वीजा नीति में ढील दी है और पाकिस्तान से सीधी उड़ानें फिर से शुरू की हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान के सामान को चिटगांव बंदरगाह पर बिना जांच के आने की अनुमति दी जा रही है. ये सब पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के बढ़ते संबंधों को दर्शाता है.
भारत के रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) के अनुसार, बांग्लादेश और पाकिस्तान के बढ़ते रिश्ते भारत के लिए गंभीर चुनौती हो सकते हैं. पाकिस्तान के सैन्य संस्थान और राजनयिक लगातार बांग्लादेश के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का कारण बन सकता है.
भारत के लिए यह स्थिति इसलिए भी ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि बांग्लादेश में पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियाँ भारत के खिलाफ हो सकती हैं, जैसा कि पहले भी देखा गया है जब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश में छिपकर गतिविधियाँ करती थी. अब यह गतिविधियाँ खुलकर होने की संभावना है, जो भारत के लिए सुरक्षा संबंधी खतरों को बढ़ा सकती हैं.