कनाडा के सड़क पर जिंदा जला बिजनेसमैन, जस्टिन ट्रूडो ने साधी चुप्पी!
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन में शामिल पाकिस्तानी बिजनेसमैन को कनाडा के सड़क पर जिंदा जला दिया गया. इस शख्स का नाम राहत राव है, जिनका कनाडा के सरे सेंट्रल इलाके में फॉरेक्स का कारोबार है. राहत राव कनाडा में काफी सक्रिय है और खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की मौत के बाद लगातार कई प्रदर्शन में शामिल रहा था
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों में शामिल एक कनाडाई पाकिस्तान व्यवसायी को कनाडा में जिंदा जलाने की कोशिश की गई है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में राहत राव को एक अज्ञात शख्स ने आग के हवाले कर दिया. राहत राव का कनाडा के सरे सेंट्रल इलाके में फॉरेक्स का कारोबार है.
जिस शख्स ने राहत राव को आग के हवाले किया उसकी उम्र महज 24 साल की बताई जा रही है. कनाडा पुलिस ने आरोपी का फोटो भी रिलीज किया है. गंभीर रूप से घायल राहत राव कनाडा में काफी सक्रिय है और खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की मौत के बाद लगातार कई प्रदर्शन में शामिल रहा था. सूत्रों के मुताबिक राव पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस का एजेंट नहीं है.
पिछले साल 18 जून को हुई थी निज्जर की हत्या
पिछले साल 18 जून को सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसका नाम भारत सरकार द्वारा जारी की गई सूची में 40 अन्य आतंकवादियों के साथ शामिल किया गया था. बीते साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था. जिसके बाद भारत और कनाडा के बीच एक बड़ा कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था.
निज्जर फर्जी पासपोर्ट लेकर कनाडा गया था
भारत ने टूडो के दावों का पुरजोर खंडन करते हुए उन्हें, बेतुका और प्रेरित बताया था. निज्जर की हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस द्वारा की जा रही है.
बता दें कि साल 1997 में निज्जर फर्जी पासपोर्ट लेकर कनाडा गया था. वहां उसके शरणार्थी दावे को खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद उसने वहां एक स्थानीय महिला से शादी की लेकिन यह दांव भी उसके काम नहीं आया और उसका इमीग्रेशन का दावा भी खारिज कर दिया गया हालांकि मौत के तुरंत बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में उसे कनाडाई नागरिक कहकर संबोधित किया था.
सिख फॉर जस्टिस का हिस्सा था निज्जर
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, निज्जर प्रतिबंधित संगठन केटीएफ का प्रमुख था और सक्रिय रूप से लोगों की भर्तियां और ट्रेनिंग दे रहा था. वो अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस का भी हिस्सा था. उसने 10 सितंबर को खालिस्तान जनमत संग्रह कराया था. पिछले कुछ सालों में भारत ने कई बार निज्जर की गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. साल 2018 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम जस्टिन ट्रूडो को निज्जर के नाम के साथ वांछित व्यक्तियों की एक सूची दी थी.
पंजाब पुलिस ने निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी
साल 2022 में पंजाब पुलिस ने निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी. वो पंजाब में आतंकवाद फैलाने के मामलों में वांछित चल रहा था. वो साल 2017 में हुए लुधियाना विस्फोट समेत विभिन्न मामलों में वांछित था, जिसमें छह लोगों की जान चली गई थी और 42 लोग घायल हो गए थे. इससे पहले पंजाब पुलिस ने पटियाला में एक मंदिर के पास बम विस्फोट में कथित भूमिका के लिए निज्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया था.