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आटे के पैसे नहीं... दूसरों को 10 अरब रुपये का ऑफर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान को क्यों की पेशकश?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद की ओर से बार-बार अपील किए जाने के बावजूद पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर आतंकवादियों के खिलाफ काबुल कार्रवाई नहीं कर रहा है. आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पश्चिमी सीमा की ओर भेजने के लिए 10 अरब रुपए देने की भी पेशकश की थी.

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Khawaja Asif slammed Kabul
Courtesy: Social Media

Khawaja Asif Slammed Kabul: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने तालिबान के साथ आतंक के मुद्दे पर बातचीत की संभावना को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान को आतंकियों को पश्चिमी सीमा पर भेजने के लिए 10 अरब रुपये की पेशकश की गई थी. पाक रक्षा मंत्री के मुताबिक, बार-बार अपील के बावजूद तालिबान ने आतंक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.

आसिफ ने शनिवार को बीबीसी उर्दू को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पश्चिमी सीमा पर भेजने के लिए 10 अरब रुपये देने की पेशकश भी की है. जियो न्यूज ने आसिफ के हवाले से कहा कि पाकिस्तान को अफगान सरकार से सहयोग की उम्मीद थी, लेकिन वे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं.

पाकिस्तान के दावे को काबुल ने नकारा

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के मुताबिक, पाकिस्तान ने बार-बार अफगान अंतरिम सरकार से कहा है कि वे अपनी धरती का इस्तेमाल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य आतंकवादी समूहों को न करने दें. हालांकि, इस दावे को काबुल ने नकार दिया है. आसिफ ने कहा कि सरकार ने आतंकवादियों को पश्चिमी सीमा क्षेत्रों में भेजने के लिए 10 अरब रुपये देने की पेशकश भी की, लेकिन उसे डर है कि आतंकवादी वहां से भी पाकिस्तान की सीमा पर लौट सकते हैं.

हालांकि, इस मामले पर आसिफ के रुख की विपक्षी दलों ने आलोचना की है. आसिफ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जमीयत उलेमा ए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि रक्षा मंत्री ने जिस तरह से बात की, वह पाक-अफगान रिश्तों में सुधार का संकेत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णयों से क्षेत्र में हमारा कोई मित्र नहीं बचेगा.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने भी लगाया ये आरोप

इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने भी रक्षा मंत्री पर दूसरे देश के मामलों में दखल देने की कोशिश करने का आरोप लगाया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार , नेशनल असेंबली में संयुक्त विपक्ष के सदस्यों ने शुक्रवार को एक आपातकालीन बैठक में कहा कि हम अपने देश में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए हमें किसी अन्य देश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

आसिफ के रुख पर टिप्पणी करते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि इस तरह के बयानों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 'भाईचारे' वाले संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति को भी खतरा हो सकता है. विपक्षी नेताओं ने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध प्रतिद्वंद्विता पर आधारित हैं और अब हम अफगानिस्तान के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करने की कोशिश कर रहे हैं. हम संघर्ष और अव्यवस्था को और अधिक बढ़ने नहीं दे सकते.

पिछले हफ्ते कहा था- हम अफगानिस्तान में आतंकी ठिकनों को निशाना बनाएंगे

पिछले सप्ताह वॉयस ऑफ अमेरिका को दिए गए एक इंटरव्यू में आसिफ ने कहा कि 'ऑपरेशन अज्र ए-इस्तेहकाम' के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान में सीमा पार आतंकवादी ठिकानों को निशाना बना सकता है. उन्होंने टीटीपी के साथ बातचीत की संभावना को भी खारिज कर दिया था. मार्च में, पाकिस्तानी वायु सेना के जेट विमानों ने पड़ोसी देश के अंदर खोस्त और पक्तिका के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले किए भी थे.

इस्लामाबाद की ये कार्रवाई पाकिस्तानी सेना पर हुए घातक हमले के बाद हुई थी, जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन समेत 7 सैनिक मारे गए थे. 2021 में काबुल में तालिबान की ओर से सरकार पर कब्ज़ा करने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे इस्लामाबाद की ये उम्मीदें टूट गई हैं कि अफ़गानिस्तान की सरकार आतंकवाद से निपटने में उसकी मदद करेगी.

थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 2023 में 789 आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में 1524 लोग मारे गए, जबकि 1463 घायल हुए.