Pakistan New PM Latest Updates: पाकिस्तान में आम चुनाव के 23 दिनों बाद आज यानी रविवार को नया प्रधानमंत्री मिल सकता है. प्रधानमंत्री बनने की रेस में दो नाम सबसे ऊपर है. हालांकि, दोनों अलग-अलग पार्टियों के नेता हैं. एक ओर पीएमएल-एन और पीपीपी गठबंधन के शाहबाज शरीफ हैं, तो दूसरी ओर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के उम्मीदवार उमर अयूब खान हैं.
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. चुनाव के नतीजों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, जिससे सरकार बनने में देरी हुई. काफी मशक्कत के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बीच गठबंधन हुआ और सरकार बनाने की कवायद शुरू हुई. अब आज पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री मिलने की बात कही जा रही है.
दरअसल, चुनाव नतीजों के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली सचिवालय नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करती है. इसके बाद पीएम के चुनाव के लिए एक तारीख तय की जाती है. अधिसूचना जारी होने के बाद सरकार बनाने का दावा और बहुमत का आंकड़ा होने का दावा करने वाली पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार का चयन करती है, जो पीएम पद के लिए नामांकन करते हैं. फिर नेशनल असेंबली में सांसदों की वोटिंग के जरिए नया पीएम चुना जाता है.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली सचिवालय ने कल यानी गुरुवार को नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक, रविवार को पीएम का चुनाव किया जाना है, जबकि पीएम पद के लिए नामांकन करने की आखिर तारीख शनिवार दोपहर 2 बजे तक का रखा गया है. नामांकन पत्रों की जांच भी शनिवार को ही पूरी कर ली जाएगी. फिर अगले दिन यानी रविवार को नए पीएम को चुनाव होगा.
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से शाहबाज शरीफ को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने उमर अयूब खान को मैदान में उतारा है. शाहबाज शरीफ को बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी का समर्थन है, जबकि कई निर्दलीयों ने उमर अयूब खान को अपना समर्थन देने की बात कही है.
336 सीटों वाली पाकिस्तान नेशनल असेंबली में 266 सीटों पर सीधे चुनाव, जबकि 70 सदस्यों को अलग तरीके से चुना जाता है. 70 सीटों में से 60 सीटें महिलाओं के लिए, जबकि 10 सीटें अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित होती हैं. इन 70 सीटों पर चुनाव का गणित ये हैं कि सीधे चुनाव में जिस पार्टी की जितनी सीटें, उस हिसाब से उनके सदस्य इन 70 सीटों पर निर्वाचित होते हैं. जिन 266 सीटों पर सीधे चुनाव होता है, उसके हिसाब से सरकार बनाने के लिए 133 सांसदों का समर्थन होना चाहिए, जबकि पूरी नेशनल असेंबली की बात की जाए तो सरकार बनाने के लिए 169 सीटों का आंकड़ा जरूरी है.