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'चाहे कुछ भी हो जाए..हमें करनी है हिंदुस्तान की बराबरी',चीन की मदद से क्या चांद पर पहुंचेगा पाक? 

Pakistan News: पाकिस्तान ने चीन की मदद से चांद को जानने के लिए अपना पहला मून मिशन रवाना किया है. इस मिशन को लेकर पाकिस्तान काफी समय से तैयारी कर रहा था.

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Edited By: India Daily Live
Pakistan Moon Mission
Courtesy: Social Media

Pakistan News: पाकिस्तान की आर्थिक हालात कैसे हैं यह किसी से छिपा नहीं है लेकिन वह हिंदुस्तान की बराबरी करने के प्रयासों को कभी नहीं छोड़ता. वह बराबरी करने के हर प्रयास में मुंह की खाता है और मुल्क की जनता से खरी-खोटी सुनता है लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरानों को यह बात समझ ही नहीं आती. रोजी-रोटी की जुगाड़ किए बिना वह चांद जाने के सपने देख रहा है और उसका आयरन ब्रदर चीन उसके इस काम में मदद भी कर रहा है. पाक ने फिर हिंदुस्तान की नकल करने का साहस किया है. इसी के चलते पाकिस्तान ने भी शुक्रवार को चांद पर अपना पहला मून मिशन रवाना कर दिया. हालांकि इसमें उसकी मेहनत कम और चीन का योगदान ज्यादा है. पाकिस्तान ने अपने मून मिशन आईक्यूब-कमर ( ICUBE-Qamar) को ड्रैगन के चांग-ई-6 स्पेसक्राफ्ट की मदद से लॉन्च किया है. 

पाकिस्तान भारत के चंद्रयान -3 की नकल कर रहा है जिसने पिछले साल चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर इतिहास रच दिया था. चांद की सफल लैंडिंग के बाद भारत की अंतरिक्ष ताकत का पूरी दुनिया ने लोहा माना था. अब वही कोशिश पाकिस्तानी हुकूमत कर रही है लेकिन उसकी माली हालत उसे ऐसा करने की इजाजत नहीं देती. 

चीन से लेनी पड़ी मदद

पाक की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट आईक्यूब कमर को पाक के इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (IST) ने चीन की शंघाई यूनिवर्सिटी और पाकिस्तान की नेशनल स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर बनाया है. स्थानीय समय के मुताबिक, इस सैटेलाइट को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट पर लॉन्च किया गया है. पाक के सैटेलाइट को चीन के हैनन प्रांत से लॉन्ग मार्च रॉकेट की मदद से भेजा गया है. इसका लाइव टेलिकास्ट भी कई चैनल्स पर किया गया. 

तो बन जाएगा यह रिकॉर्ड 

रिपोर्ट के मुताबिक, इस सैटेलाइट में आर्बिटर के साथ दो ऑप्टिकल कैमरों को भी भेजा गया है. यह चांद की सतह की तस्वीरों को लेने में सक्षम होंगे. आईक्यूब कमर को चीन के चांग ई-6 स्पेसक्राफ्ट के साथ भेजा  गया है. यह चीन के चंद्र अभियान का छटा मिशन है. चीन का यह मिशन चांद की डार्क साइड पर उतरेगा और वहां से नमूने लेकर पृथ्वी पर लाएगा. इसके 2000 ग्राम तक सैंपल लाने की उम्मीद है. यदि चीन ऐसा करने में सफल होता है तो वह दुनिया का एकमात्र देश होगा जिसको ऐसा करन में कामयाबी मिली. 

चीनी मिशन जहां चांद की सतह पर उतरने के बाद वापस आएगा लेकिन पाकिस्तान का आईक्यूब कमर को चांद की कक्षा में ही छोड़ देगा. यहां से उसे अपना आगे का सफर खुद ही तय करना होगा. क्यूबसैट छोटे सैटेलाइट होते हैं जिन्हें स्पेस में विशेष कामों के लिए भेजा जाता है.