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India Daily

UN में पाकिस्तान की फिर फजीहत, भारतीय राजदूत ने कश्मीर पर दिया करारा जवाब

भारत के राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर की जा रही निरंतर बयानबाजी की तीव्र आलोचना की. उन्होंने पाकिस्तान के आरोपों को असत्य करार देते हुए जम्मू-कश्मीर को भारत का अविभाज्य हिस्सा बताया और पाकिस्तान की कट्टर सोच पर चिंता जताई।

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Edited By: Ritu Sharma
Parvathaneni Harish
Courtesy: Social Media

India Vs Pakistan: संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर की जा रही बयानबाजी की कड़ी आलोचना की और इसे पूरी तरह निराधार बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा.

पाकिस्तान की बयानबाजी पर भारत का तीखा पलटवार

संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया पर आयोजित एक बैठक में, पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर भ्रामक दावे किए. इस पर भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा, ''जैसा कि उनकी आदत है, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है. बार-बार संदर्भ देने से न तो उनका दावा मान्य होगा और न ही सीमा पार आतंकवाद के उनके अभ्यास को उचित ठहराया जा सकेगा.'' उन्होंने पाकिस्तान की कट्टर मानसिकता पर भी कड़ा प्रहार किया और कहा कि यह जगजाहिर है.

पाकिस्तान को नहीं मिला वैश्विक समर्थन

बता दें कि पाकिस्तान लगातार कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता है, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है. इस्लामोफोबिया के खिलाफ लड़ाई के दौरान भारत ने यह भी कहा कि किसी भी देश को धर्म को हथियार बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने का अधिकार नहीं है. हरीश ने आगे कहा, ''आइए, हम ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें, जहां हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, गरिमा, सुरक्षा और सम्मान के साथ रह सके. हमें कट्टर मानसिकता और इस्लामोफोबिया के खिलाफ काम करने की जरूरत है.''

भारत ने कट्टरपंथ पर जताई चिंता

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर भी चिंता जताई. हरीश ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कट्टरता को बढ़ावा न दिया जाए. उन्होंने कहा, ''हमने हाल ही में पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर हिंसा में चिंताजनक तेजी देखी है. यह न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, जिस पर सभी को मिलकर काम करना चाहिए.''