Pakistan General Election 2024: आर्थिक रूप से खस्ताहाल और हिंसा से त्रस्त पाकिस्तान में कल यानी 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा. इस चुनाव में पाक सियासतदारों के साथ-साथ आवाम भी अपनी काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. देशवासियों को उम्मीद है कि चुनाव में जीत हासिल करने के बाद उनके प्रतिनिधि उनकी समस्याओं का समाधान कराएंगे. हालांकि चुनाव से पहले ही हमेशा की तरह आतंकी संगठन काफी सक्रिय हो चुके हैं. वे लगातार पोलिंग बूथ, स्कूलों, पुलिस स्टेशन को निशाना बना रहे हैं. आतंकी किसी भी सूरत में पाकिस्तान की चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालना चाहते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी समूहों की कोशिश है कि मुल्क में किसी भी हाल में शांतिपूर्ण तरीके से चुनावी प्रक्रिया संपन्न न हो. इन सबके बीच पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने भी अपनी कमर कस ली है. चुनाव से संबंधित सभी तैयारियों के लिए उसके कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए हैं.आइए इस लेख के माध्यम से जान लेते हैं कि इस्लामाबाद में चुनाव को लेकर कैसी तैयारियां हैं.
आंकड़ो के मुताबिक, पाकिस्तान में फिलहाल 12.58 करोड़ मतदाता हैं. इनकी संख्या मुल्क की आधी आबादी से ज्यादा है. इसमें 6.9 करोड़ पुरुष और 5.9 करोड़ महिलाएं हैं. पंजीकृत मतदाताओं में 44 प्रतिशत मतदाताओं की उम्र 35 साल से कम है. 2018 के आम चुनाव के बाद देश में 2.25 करोड़ नए मतदाता बढ़े हैं. इसमें सबसे ज्यादा संख्या में इजाफा महिलाओं की संख्या में हुआ है.
पाकिस्तान नेशनल असेंबली के चुनाव के लिए देश में कुल 90, 582 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 17,500 के लगभग मतदान केंद्र अत्यधिक संवेदनशील हैं. आम चुनाव में 5,121 कैंडिडेट मैदान में हैं. इनमें पुरुष उम्मीदवारों की संख्या 4,806 है. वहीं, 312 महिलाएं भी अपनी किस्मत चुनावी अभियान में आजमा रही हैं. इसके साथ ही 2 ट्रांसजेंडर कैंडिडेट भी चुनाव लड़ रहे हैं.
पाकिस्तान के आम चुनाव में मुख्य रूप से लड़ाई तीन प्रमुख पार्टियों के बीच में है. इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ( PML-N), पीटीआई, और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ( PPP) शामिल है. इसके अलावा अवामी नेशनल पार्टी ( ANP), जमात-ए-इस्लामी ( JAI), जमीयत-ए-उलेमा इस्लाम ( JUI-F), अवामी वर्कर्स पार्टी ( AWP) जैसी कई छोटी पार्टियां भी चुनावी दाव आजमा रही हैं.
नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं. इनमें से 266 सीटों पर ही चुनाव होने हैं. शेष बची 70 सीटों में 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. वहीं, 10 सीटें गैर-मुस्लिम लोगों के लिए रिजर्व रखी गई हैं. इनका आवंटन सदन में प्रत्येक पार्टी द्वारा प्राप्त संख्या बल के अनुसार होता है. सबसे ज्यादा सीटों की संख्या पंजाब प्रांत में है. चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार नेशनल असेंबली में सदन के नेता यानी प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं. प्रधानमंत्री को सदन में सरकार बनाने के लिए 169 सदस्यों के मतों की आवश्यकता होती है.