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India Daily

पहलगाम हमले के बाद व्यापार रोकने से पाकिस्तान में आई आफत, दवाइयों की भारी किल्लत से जूझ रहा पड़ोसी!

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पाकिस्तान को गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ सकता है. आपूर्ति बाधित होने पर देश में जरूरी दवाइयों की भारी कमी हो सकती है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Pakistan faces shortage of pharma needs as trade halted after Pahalgam attack
Courtesy: Social Media

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पर असर पड़ा है. भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार को रोक दिया है. इस फैसले का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की फार्मा जरूरतों पर पड़ा है, जिससे दवाइयों की आपूर्ति बाधित हो गई है. पाकिस्तानी स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति से निपटने के लिए 'आपातकालीन तैयारी' शुरू कर दी है. देश में जरूरी दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की तलाश तेज कर दी गई है.

DRAP ने दी जानकारी, 2019 से है आपात योजना तैयार

ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (DRAP) के अनुसार, अभी तक दवाइयों के आयात पर सीधे प्रतिबंध का कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है. लेकिन DRAP के एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद 2019 से ही ऐसे हालात से निपटने के लिए तैयारी चल रही है.

भारत पर निर्भरता और संकट की संभावना

पाकिस्तान अपनी 30% से 40% दवा सामग्री भारत से मंगाता है. इसमें सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (API), कैंसर की दवाइयां, एंटी-रेबीज और एंटी-स्नेक वेनम जैसी जीवनरक्षक दवाएं शामिल हैं. व्यापार रुकने से इन जरूरी दवाओं की कमी की आशंका बढ़ गई है.

दूसरे देशों से आपूर्ति की कोशिश

DRAP अब चीन, रूस और कुछ यूरोपीय देशों से जरूरी दवाइयों की आपूर्ति के लिए बातचीत कर रहा है. इस प्रयास का मकसद है कि देश में जरूरी दवाइयों की किल्लत न हो और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहें.

ब्लैक मार्केट से भी बढ़ी चिंता

रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान में पहले से ही दवाइयों का एक काला बाजार मौजूद है. अफगानिस्तान, ईरान, दुबई और भारत की सीमा से अवैध रूप से दवाइयां देश में लाई जाती हैं. अब व्यापार रुकने से इस काले बाजार के और फैलने की आशंका जताई जा रही है.