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Pakistan Elections: क्या कर्ज से डूबे पाकिस्तान को उबार पाएंगे शहबाज शरीफ, अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर

Pakistan economy: पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ के सामने आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को निकालने की चुनौतियां होगी. पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है.

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Edited By: India Daily Live
 Shehbaz sharif

नई दिल्ली: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ ने अपने भाई शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है. पाकिस्तान में PML-N गठबंधन की नई सरकार होगी और दो पार्टियां पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान बाहर से समर्थन देंगी. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने घोषणा की थी कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे और मरियम नवाज पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार होगी. 

चुनावी नतीजे से आने से एक दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री हाफिज अहमद पाशा ने देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के सरकारी खजाने में सिर्फ 45 दिनों का पैसा बचा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है. देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए.

पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी 

मौजूदा समय में राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होने की वजह से पाकिस्तान को आर्थिक व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर ही है. फैरी तौर पर पाकिस्तान के लिए चिंता की सबब यह है कि आयात बढ़ाने की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है. 2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. विकास की ये दर पाकिस्तान में कमजोर सरकार के गठन से लुढ़क सकता है. फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है. 

पाकिस्तान में आर्थिक हालात गंभीर 

पाकिस्तान आर्थिक संकटों से चौतरफा घिरा हुआ है. पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है. एक तरफ उस पर कर्ज तोड़ने का दबाव है तो वहीं दूसरी ओर 12 अप्रैल 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से उसे 3 बिलियन डॉलर कर्ज मिलने की समय सीमा भी खत्म हो रही है. ऐसे स्थिति में पाकिस्तान की आर्थिक तंगी शहबाज शरीफ के लिए बड़ी चुनौती रहने वाली है.