Pakistan Election Result: पाकिस्तान आम चुनाव के नतीजे कुछ घंटों में पूरी तरह साफ हो जाएंगे. फिलहाल, अब तक जो नतीजे सामने आए हैं, उनमें निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा दिखा है. कहा जा रहा है कि ये निर्दलीय जिस ओर जाएंगे, सरकार उसी की बनेगी. अब तक 266 सीटों में से 223 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. यानी 43 सीटों के नतीजे बाकी हैं.
जिन सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं, उनमें सबसे अधिक 99 निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है. दावा किया जा रहा है कि ये निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक हैं. वहीं, नवाज शरीफ की पार्टी यानी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) को 71 और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 53 सीटें मिलीं हैं. फिलहाल, पाकिस्तान की पार्टियों की नजर उन 43 सीटों पर हैं, जहां नतीजे आने बाकी हैं.
पाकिस्तान के राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, भले ही इमरान खान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सबसे अधिक सीटें जीत लें, लेकिन वे सरकार बनाने में सक्षम नहीं हो सकते. इसमें पेंच ये है कि नियमों के मुताबिक, उन्हें अल्पसंख्यक सीटों का कोटा आवंटित नहीं किया जाएगा. ऐसे में सवाल ये कि फिर PTI के पास सरकार बनाने के लिए क्या विकल्प बचता है?
पाकिस्तानी पत्रकार सअतुल्लाह खान के मुताबिक, ये पहली बार नहीं है, जब निर्दलीय प्रत्याशी सरकार बनाने की दिशा में सबसे आगे दिख रहे हैं. पाकिस्तान के छठे राष्ट्रपति जनरल जियाउल हक के वक्त पूरी संसद निर्दलीयों से बनी थी. उन्होंने बताया कि 1985 में गैर पार्टी यानी निर्दलीय प्रत्याशी आधारित चुनाव हुए थे. हालांकि, सभी उम्मीदवार किसी न किसी पार्टी से जुड़े थे, लेकिन कागजों पर सभी निर्दलीय थे. जब नतीजे आए तो सबसे अधिक निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई. फिर निर्दलीयों ने एक ग्रुप बनाया जिसका नाम पाकिस्तान मुस्लिम लीग रखा गया, जिसे आज हम PMLN या PMLQ के नाम से जानते हैं.
सअतुल्लाह खान के मुताबिक, अगर इमरान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की बंपर जीत होती है और वे नवाज या फिर बिलावल की पार्टी से आगे होते हैं, तो उन्हें भी 1985 की तरह एक ग्रुप बनाना होगा, जिसके बाद सरकार बनाई जा सकती है. एक अन्य पत्रकार शाहजेब जिलानी के मुताबिक, अगर पीटीआई समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सरकार बनाना चाहते हैं तो फिर उन्हें किसी राजनीतिक दल में शामिल होना होगा. उन्होंने बताया कि अगर निर्दलीय प्रत्याशी किसी छोटी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें आरक्षित सीटों का लाभ मिल जाएगा, ऐसे में वे सरकार बना सकते हैं.
336 सीटों वाली पाकिस्तानी संसद में बहुमत का आंकड़ा 169 है. 336 में से 266 पर वोटिंग होती है. बाकी बची 70 सीटें आरक्षित हैं, जिनपर चुनाव नहीं होता है. अब जिन 266 सीटों पर सीधे वोटिंग होती है और नतीजों के बाद जिस पार्टी को जितनी सीटें मिलतीं हैं, उसी के आधार पर आरक्षित 70 सीटों का बंटवारा होता है.
266 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिहाज से देखें तो बहुमत का आंकड़ा 134 होता है. पाकिस्तान में चार प्रांत (पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा) हैं. जिन 266 सीटों पर सीधे वोटिंग हुई है, उनमें से सबसे ज्यादा पंजाब प्रांत में 141 सीटें हैं, जबकि सिंध में 61, खैबर पख्तूनख्वा में 45, बलूचिस्तान में 16 और इस्लामाबाद में तीन सीटें हैं.
इस गणित के लिहाज से देखा जाए तो इमरान खान की सरकार बनने के लिए और 35 उम्मीदवारों की जरूरत होगी. जबकि नवाज शरीफ की पार्टी बहुमत के आंकड़ों से पीछे चल रही पार्टियों में दूसरे नंबर पर जबकि तीसरे नंबर पर बिलावल भुट्टो की पार्टी है.
सरकार बनाने की गणित को देखा जाए तो अगर नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टी ने अब तक जितनी सीटें जीती हैं और अगर दोनों गठबंधन कर लेते हैं तो दोनों पार्टियों के सांसदों की संख्या कुल मिलाकर 96 पहुंचती हैं, यानी अभी भी वे बहुमत के आंकड़े से 38 सीट दूर हैं. पिछले कुछ दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जो बयान दिए थे, उससे जाहिर होता है कि अगर उनकी पार्टी बहुमत का आंकड़ा न छूती है तो फिर वे गठबंधन कर सरकार बनाने की सोच सकते हैं.
हालांकि, अब तक आए नतीजों के मुताबिक किसी को भी बहुमत नहीं मिला है. लेकिन जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि 170 से अधिक सीटों पर PTI समर्थित उम्मीदवारों की जीत होगी. वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि सरकार बनाने के लिए नवाज और बिलावल ने बातचीत शुरू कर दी है.