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Pakistan Elections: सरकार बनाने को लेकर क्या खिचड़ी पका रहे हैं बिलावल भुट्टो, क्या है असल गेम प्लान?

Pakistan Election: पाकिस्तान के हालिया चुनावों में, किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। बिलावल भुट्टो की पार्टी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तीसरे स्थान पर रही. आइए जानते हैं पाकिस्तान में सरकार को लेकर क्या खिचड़ी पका रहे हैं बिलावल.

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Edited By: Antriksh Singh
pakistan result in election

Pakistan Election 2024: पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनावों में, बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीतीं. चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. यह किसी भी पार्टी के लिए बहुमत नहीं है, इसलिए सरकार बनाने के लिए गठबंधन की आवश्यकता होगी. लेकिन बिलावल ने पहले ही इस बात से इंकार कर दिया है कि वे सरकार में कोई रोल लेना चाहते हैं. उन्होंने नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) को सपोर्ट करने की बात कही है.

शहबाज और बिलावल का 3-2 का समझौता

2022 में जब इमरान खान की सरकार गिर गई तो शहबाज शरीफ ने पीपीपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई. उस सरकार में बिलावल भुट्टो विदेश मंत्री बने.

2024 के चुनाव में बिलावल ने प्रधानमंत्री बनने का दावा किया लेकिन उनकी पार्टी को सिर्फ 54 सीटें मिली. बिलावर इसके लिए शहबाज शरीफ के साथ 3-2 के फॉर्मूले पर बातचीत कर सकते हैं. यानी कि पांच साल के कार्यकाल में तीन साल शहबाज और दो साल बिलावल प्रधानमंत्री रहेंगे.

पिता के लिए जागे अरमान

लेकिन बिलावल ने फिलहाल इस तरह के समझौते से इंकार कर दिया है. इसके बजाए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने मंगलवार को कहा कि वह चाहते हैं कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी को फिर से राष्ट्रपति बनाया जाए.

68 वर्षीय जरदारी, 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं. बिलावल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री पद की दौड़ से हटने की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी नई सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी, लेकिन पीएमएल-एन के नेता नवाज शरीफ को चौथी बार प्रधानमंत्री बनने में समर्थन देगी. हालांकि, वह चाहते हैं कि उनके पिता अगले राष्ट्रपति बने.

असल में वर्तमान राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी अगले महीने पद छोड़ देंगे।

क्या बयान दिया

बिलावल ने कहा, "मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि वह मेरे पिता हैं, बल्कि इसलिए कह रहा हूं कि देश इस समय बड़े संकट में है और अगर कोई इस आग को बुझा सकता है, तो वह आसिफ अली जरदारी ही हैं."

उन्होंने कहा, "पीपीपी ने फैसला किया है कि हम स्वयं संघीय सरकार में शामिल होने में असमर्थ हैं और इस तरह के सेटअप में मंत्रालय लेने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं. लेकिन हम देश में राजनीतिक अराजकता भी नहीं देखना चाहते हैं."

बिलावल ने कहा कि उनकी पार्टी को चुनाव परिणामों को लेकर चिंता थी, लेकिन उन्होंने "देश के व्यापक हित में" उन्हें स्वीकार करने का फैसला किया.

उन्होंने कहा, "इसके लिए, पीपीपी सरकार के गठन और राजनीतिक स्थिरता बहाल करने के लिए मुद्दे के आधार पर समर्थन देने के लिए तैयार रहेगी."

गेम प्लान!

अगर नवाज शरीफ, बिलावल भुट्टो या शहबाज शरीफ में से किसी को भी प्रधानमंत्री पद मिलता है तो उन्हें इमरान खान की जनता में लोकप्रियता का सामना करना पड़ेगा. कहीं ना कहीं इमरान को कमजोर या अस्थिर करना भी बिलावल के एक गेम प्लान का हिस्सा है.

बिलावल भुट्टों का असली गेम प्लान यह है कि वो नवाज़ शरीफ की पार्टी PML-N को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाने में मदद करेंगे. इससे वो देश की स्थिरता को बनाए रखने का दावा कर सकते हैं. बिलावल ने अपना प्लान बदल दिया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे वो अपनी पार्टी को दोबारा से ताकतवर बना सकते हैं, और इमरान ख़ान के खिलाफ एक विरोधी मोर्चा बना सकते हैं.