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'खोए हुए भाई की तरह', 12 साल बाद पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री जाएंगे बांग्लादेश, बढ़ रही दोस्ती क्या भारत के लिए खतरा?

पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस दौरे के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि वह 3-5 फरवरी तक मलेशिया दौरे से लौटने के बाद 5 फरवरी या उसके आसपास बांग्लादेश जाने की योजना बना रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Pak-ban
Courtesy: Social Media

पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री, इशाक डार ने हाल ही में घोषणा की कि वह अगले महीने बांग्लादेश का दौरा करेंगे. यह दौरा 2012 के बाद से किसी पाकिस्तानी मंत्री द्वारा बांग्लादेश की यात्रा का पहला अवसर होगा. इशाक डार का यह बयान पिछले महीने काहिरा में आयोजित डी-8 शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बीच हुई मुलाकात के कुछ सप्ताह बाद आया है. 

पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में सुधार की दिशा में कदम

इशाक डार ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस दौरे के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि वह 3-5 फरवरी तक मलेशिया दौरे से लौटने के बाद 5 फरवरी या उसके आसपास बांग्लादेश जाने की योजना बना रहे हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में पिछले कुछ दशकों में उतार-चढ़ाव आया है, विशेषकर 1971 के युद्ध के बाद से. हालांकि दोनों देशों के बीच हाल के वर्षों में सुधार की कोशिशें तेज हुई हैं, खासकर बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद. 

इशाक डार ने बांग्लादेश को "खोए हुए भाई" कहते हुए आगे कहा कि हमारा लक्ष्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना है." उनका यह बयान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य और प्रगति की दिशा में बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

2012 के बाद पहली विदेश मंत्री यात्रा

2012 में पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने बांग्लादेश का दौरा किया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संपर्क कम हो गए थे. इशाक डार का यह प्रस्तावित दौरा पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से रुके हुए द्विपक्षीय संवाद को फिर से शुरू करने का एक अवसर हो सकता है.  पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण होगा. दोनों देशों के लिए यह एक अवसर है कि वे अपने संबंधों को सामान्य करके क्षेत्रीय आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक दिशा में काम करें.

दोनों देशों के लिए नए अवसर

बांग्लादेश और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार का अर्थ केवल राजनैतिक या कूटनीतिक संवाद तक सीमित नहीं होगा, बल्कि इससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में भी विस्तार की संभावना बन सकती है. बांग्लादेश, जो एक प्रमुख दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था बन चुका है, पाकिस्तान के लिए एक बड़ा व्यापारिक भागीदार बन सकता है.