पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने सोमवार (28 अप्रैल) को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले हफ्ते हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए. इसके बाद भारत का सैन्य हमला निश्चित है. इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है, क्योंकि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं.
पहलगाम हमले से भारत में आक्रोश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की छद्म शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े पांच से छह आतंकियों ने पहलगाम में 26 लोगों, मुख्य रूप से पर्यटकों, की हत्या कर दी. आतंकियों ने कथित तौर पर पीड़ितों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया. हाल के सालों में घाटी में नागरिकों पर यह सबसे घातक हमला है, जिसने भारत में काफी आक्रोश पैदा किया है. नई दिल्ली ने इस्लामाबाद पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए त्वरित जवाबी कार्रवाई की मांग की है.
जानें कैसी चल रही पाकिस्तान की सैन्य तैयारियां?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी से कहा, "हमने अपनी सेनाओं को मजबूत किया है क्योंकि अब यह हमला आसन्न है. ऐसी स्थिति में कुछ रणनीतिक निर्णय लेने पड़ते हैं, और वे निर्णय ले लिए गए हैं." उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने सरकार को भारत के संभावित हमले की आशंका से अवगत कराया है, हालांकि उन्होंने इस आकलन के पीछे की खुफिया जानकारी या घटनाक्रम का खुलासा नहीं किया. आसिफ ने आगे कहा, "पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और वह अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तभी करेगा जब उसके अस्तित्व को सीधा खतरा होगा.
पहलगाम हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
पहलगाम नरसंहार के जवाब में भारत ने पिछले हफ्ते दशकों पुरानी इंडस वाटर ट्रीटी (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित कर दिया और इस्लामाबाद के साथ कूटनीतिक संबंधों को और कम कर दिया. इस दौरान नई दिल्ली ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वैध वीजा भी रद्द कर दिए. इसके जवाब में, पाकिस्तान ने सभी कारोबार को सस्पेंड कर दिया, भारतीय एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और इंडस वाटर ट्रीटी के तहत उसके लिए तय पानी को मोड़ने की किसी भी कोशिश को युद्ध की कार्रवाई माना.