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कर्ज में डूबे पाकिस्तान का निकला दिवाला! 6 मंत्रालयों पर लगा ताला, छिन गया लाखों का निवाला

प्रशासनिक खर्च को कम करने की कोशिश में कंगाल पाकिस्तान ने डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों को खत्म कर दिया है. यही नहीं पाकिस्तान ने 6 मंत्रालयों पर भी ताला लगा दिया है.

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Edited By: India Daily Live
Shahbaz Sharif
Courtesy: @SyedTay22071941

Pakistan News: प्रशासनिक खर्च को कम करने की कोशिश में कंगाल पाकिस्तान ने डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों को खत्म कर दिया है. यही नहीं पाकिस्तान ने 6 मंत्रालयों पर भी ताला लगा दिया है. इसके साथ-साथ दो मंत्रालयों के विलय की घोषणा की है. पाकिस्तान ने यह सब IMF 7 अरब डॉलर का अमेरिकी कर्ज लेने के लिए सुधारों के रूप में यह काम किया है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 26 सितंबर को पाकिस्तान के लिए सहायता पैकेज को मंजूरी दी और पहली किस्त के रूप में 1 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक जारी किया. हालांकि IMF ने पाकिस्तान को यह कर्ज इस हिदायत पर दिया है कि वह देश में सुधारों को लागू करे और अपना खर्च कर करे.अमेरिका से लौटने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि IMF के साथ एक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है जो पाकिस्तान के लिए अंतिम कार्यक्रम होगा. 

उन्होंने कहा, 'हमें अपनी नीतियों को लागू करने की जरूरत है ताकि यह साबित हो सके कि यह आखिरी कार्यक्रम होगा.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की जी-20 में शामिल होने के लिए अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप दिया जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि मंत्रालयों के भीतर सही आकार तय किया जा रहा है और 6 मंत्रालयों को बंद करने का निर्णय लागू किया जाना है जबकि दो मंत्रालयों का विलय किया जाएगा. औरंगजेब ने आगे कहा, 'इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों में 150,000 पद समाप्त किए जाएंगे.'

पाकिस्तान में बढ़े करदाता

वित्त मंत्री ने कर राजस्व बढ़ाने पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि पिछले साल लगभग 3 लाख नए करदाता थे और इस साल अब तक 732,000 नए करदाता पंजीकृत हुए हैं जिससे देश में करदाताओं की कुल संख्या 16 लाख से बढ़कर 32 लाख हो गई है.

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

औरंगजेब ने यह भी कहा कि गैर-फाइलर श्रेणी को खत्म कर दिया जाएगा और कर का भुगतान करने वाले अब संपत्ति या वहन नहीं खरीद पाएंगे. विदेश मंत्री ने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर अपने उच्चतम स्तर  पर पहुंच गया है.