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क्या सुधर रहा पाकिस्तान? भ्रष्टाचार सूचकांक रैंकिंग गिरी, दो स्थान नीचे फिसला

भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) दुनिया के 180 देशों और क्षेत्रों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर रैंक करता है. यह स्कोर 0 से 100 के बीच दिया जाता है, जहां 0 का मतलब अत्यधिक भ्रष्टाचार और 100 का अर्थ बहुत स्वच्छ प्रशासन होता है. 

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Edited By: Reepu Kumari
Pakistan Corruption
Courtesy: Pinterest

आखिरकार पाकिस्तान हर मोड़ पर यह साबित कर ही देता है कि वो आतंक के मामले में सबसे आगे है. भले ही पड़ोसी देश कितना भी अच्छाई की राग अलापे लेकिन हाल ही में जो रिपोर्ट आई है वो उसका पर्दाफाश करने के लिए काफी है. हम बात कर रहे हैं भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक.

भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो गई है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान वर्ष 2024 की रैंकिंग में दो स्थान नीचे खिसककर 135वें स्थान पर पहुंच गया है.

इससे पहले, 2023 में यह देश 133वें स्थान पर था.

भ्रष्टाचार के स्तर को मापने वाला सूचकांक

‘डॉन डॉट कॉम’ की रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) दुनिया के 180 देशों और क्षेत्रों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर रैंक करता है. यह स्कोर 0 से 100 के बीच दिया जाता है, जहां 0 का मतलब अत्यधिक भ्रष्टाचार और 100 का अर्थ बहुत स्वच्छ प्रशासन होता है. 

नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इस सूचकांक में लगातार नीचे जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि देश में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.  

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की चुनौती

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की बढ़ती प्रवृत्ति आर्थिक और सामाजिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती है. सरकार द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए उठाए गए कदम फिलहाल प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में पाकिस्तान की स्थिति और खराब होती जा रही है.

पाकिस्तान में भ्रष्टाचार का बढ़ता स्तर न केवल प्रशासन के लिए चिंता का विषय है, बल्कि इसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक छवि पर भी पड़ रहा है. आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कितने प्रभावी कदम उठाती है.