Pakistan News: भारत के विभाजन से पहले पाकिस्तान और हिंदुस्तान एक ही देश हुआ करते थे. दोनों देशों में रहने वाले लोग आजादी की जंग तो साथ लड़े, लेकिन आजादी मिलने के बाद दोनों देशों के लोगों की राहें जुदा हो गईं. अंग्रेजों की चालबाजी के कारण हिंदुस्तान का दो टुकड़ों में विभाजन हो गया. पहला टुकड़ा भारत तो दूसरा पाकिस्तान कहलाया.
पाकिस्तान को धर्म के आधार पर बनाया गया था कि यहां इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रहेंगे. हालांकि आजादी के दशकों बाद भी इस्लामाबाद के मुसलमानों की स्थिति में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं आया है. उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है. यहां निवास करने वाले कई समुदाय आज भी स्थानीय नागरिकता पाने कती जद्दोजहद कर रहे हैं.
पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों की एक बड़ी आबादी रहती है. लेकिन यहां शिया और सुन्नी समुदाय की बड़ी आबादी उन्हें मुसलमान मानती ही नहीं है. वे उनके साथ बुरा बर्ताव भी करते हैं. अहमदिया समुदाय के लोगों के धार्मिक स्थलों को भी अक्सर निशाना बनाया जाता है. शिया मुसलमान उनके प्रार्थनास्थलों को आए दिन नुकसान पहुंचाते रहते हैं. ईशनिंदा आरोपों के कारण भी उन्हें बेवजह तंग किया जाता है. इस कारण ये लोग पाकिस्तान छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं.
पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों की 5 लाख आबादी रहती है. वे कहते हैं कि उनका इस्लाम में विश्वास है और पूरी तरह से मुस्लिम है. हालांकि, पाकिस्तान के संविधान में इन्हें मुसलमान नहीं माना गया है. अहमदिया मुसलमानों को अल्पसंख्यक गैर मुस्लिम धार्मिक समुदाय का दर्जा दिया गया है. इन लोगों के मस्जिद जाने पर भी पाबंदी है. अहमदिया मुसलमान पहली बार 1889 में चर्चा में आए. पंजाब के लुधियाना शहर में मौजूद कादियान गांव में पहली बार अहमदिया आंदोलन का आगाज हुआ था.