नई दिल्लीः अफगानिस्तान केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते से देश के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में अफगानिस्तान की मुद्रा को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही पाकिस्तान की मुद्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. समाचार एजेंसी एएनआई ने खामा प्रेस के हवाले से यह जानकारी दी है.
विदेशी मुद्रा के इस्तेमाल से बचें अफगानी
केंद्रीय बैंक ने देश के दक्षिण-पश्चिम प्रांतो के निवासियों को पाक मुद्रा में लेन-देन बंद करने का निर्देश दिया है.इसके लिए उन्हें एक समय सीमा दी गई है. बैंक ने निवासियों को घरेलू मुद्रा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विदेशी मुद्रा के इस्तेमाल न करने की सलाह दी है. इसके अलावा बैंक ने उन्हें वाणिज्यिक लेन-देन करने के लिए ढाई माह का समय दिया है.
उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घोषणा में कंधार, हेलमंद, डायकुंडी प्रांत के निवासियों को विशेष रूप से चेतावनी दी गई है. उनसे केवल राष्ट्रीय मुद्रा का प्रयोग व्यापारिक लेन-देन में करने के लिए कहा गया है. केंद्रीय बैंक की घोषणा में यह भी कहा गया है कि निश्चित तिथि के बाद अन्य मुद्राओं में किए गए सभी लेन-देन अवैध माने जाएंगे. इसका उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अफगान व्यापारी पहले से ही परेशान
इस बीच तोरखम सीमा को बंद किए जाने को लेकर व्यापारियों का विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. प्रदर्शनकारियों के अनुसार, फल और सब्जी के मौसम में पाकिस्तान नियमित तौर पर कई बहानों का इस्तेमाल कर तोरखम सीमा को बंद कर देता है. अफगानिस्तान-पाकिस्तान ज्वाइंट चैंबर ऑफ कामर्स ने कहा है कि तोरखम के बंद होने से सीमा के दोनों ओर के व्यापारियों को लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है.
यह भी पढ़ेंः '....तो जी20 शिखर सम्मेलन पाकिस्तान में होता', पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के बड़े बोल