menu-icon
India Daily

Pahalgam terror attack: 'संयम बरतें', संयुक्त राष्ट्र ने भारत-पाकिस्तान से की अपील

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को "सार्थक आपसी बातचीत" के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Pahalgam terror attack
Courtesy: Social Media

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर हैं. भारत इस हमले को का बदला लेने की तैयारी में है. इस बीच सुंयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को "सार्थक आपसी बातचीत" के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.

उन्होंने एक ब्रीफिंग में कहा, हम पाकिस्तान और भारत दोनों सरकारों से अधिकतम संयम बरतने तथा यह सुनिश्चित करने की अपील करते हैं कि स्थिति और जो घटनाक्रम हमने देखा है, वह और अधिक न बिगड़े. उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि पाकिस्तान और भारत के बीच किसी भी मुद्दे को सार्थक पारस्परिक बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है और सुलझाया जाना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस हमले में 26 नागरिक मारे गए. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है.

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाने की घोषणा की, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करना तथा अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करना शामिल था. नई दिल्ली ने 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीज़ा भी रद्द कर दिए तथा पाकिस्तान में रह रहे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लौटने की सलाह दी.

भारत के कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार को सभी भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने और तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार सहित नई दिल्ली के साथ व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की. पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले को भी खारिज कर दिया और कहा कि संधि के तहत पाकिस्तान के जल प्रवाह को रोकने के किसी भी कदम को "युद्ध की कार्रवाई" के रूप में देखा जाएगा.