नई दिल्ली, 3 फरवरी (भाषा) : कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैम आल्टमैन के 5 फरवरी को भारत दौरे पर आने की संभावना है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
सूत्रों के अनुसार, चैटजीपीटी जैसे चर्चित एआई टूल को विकसित करने वाली कंपनी ओपनएआई के संस्थापक सैम आल्टमैन अपनी भारत यात्रा के दौरान शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा, वह भारतीय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे और एआई तकनीक के भविष्य और भारत की भूमिका पर चर्चा करेंगे.
अमेरिका बनाम चीन: एआई की वैश्विक होड़
आल्टमैन की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी एआई कंपनियों को चीन की डीपसीक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. डीपसीक के कम लागत वाले एआई मॉडल 'आर1' ने बहुत कम समय में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है और चैटजीपीटी को एप्पल के ऐप स्टोर पर टॉप फ्री ऐप की लिस्ट से हटा दिया है.
एनवीडिया को भारी नुकसान, अमेरिकी कंपनियां चिंतित
एआई के क्षेत्र में डीपसीक की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता का असर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर भी पड़ा है. एआई चिप निर्माता एनवीडिया को हाल ही में एक ही दिन में 590 अरब डॉलर का नुकसान हुआ, जो किसी भी कंपनी के लिए इतिहास में सबसे बड़ा एकदिनी मूल्यह्रास माना जा रहा है.
भारत में एआई के भविष्य पर होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, आल्टमैन अपनी भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली में शीर्ष सरकारी अधिकारियों से भेंट करेंगे, हालांकि इस मुलाकात के बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
भारत का स्वदेशी एआई मॉडल जल्द होगा लॉन्च
गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने अपना खुद का एआई मॉडल विकसित करने की योजना की घोषणा की थी. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत एक सुरक्षित और किफायती स्वदेशी एआई मॉडल लॉन्च करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. वैष्णव के अनुसार, जहां वैश्विक स्तर पर एआई मॉडल की लागत 2.5-3 अमेरिकी डॉलर प्रति घंटे पड़ती है, वहीं भारत सरकार 40% सब्सिडी देकर इसे 100 रुपये प्रति घंटे से कम करने की योजना बना रही है.
भारत का एआई मॉडल होगा विश्व स्तरीय
वैष्णव ने यह भी कहा कि, "हम एक ऐसा आधारभूत एआई मॉडल तैयार करेंगे, जो विश्वस्तरीय होगा और अन्य शीर्ष एआई तकनीकों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा." भारत में एआई के विकास और आत्मनिर्भर तकनीक को बढ़ावा देने की इस पहल से देश को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति मिलने की उम्मीद है.
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)