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India Daily

म्यांमार के साइबर फ्रॉड सेंटर से 70 भारतीय मुक्त, जल्द लौटेंगे अपने देश

म्यांमार के सशस्त्र बलों ने एक महत्वपूर्ण अभियान में लगभग 70 भारतीय नागरिकों, जिनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं, जिनको साइबर अपराध के केंद्र से सुरक्षित निकाला. ये पीड़ित विभिन्न भारतीय राज्यों से थे और अब उन्हें थाईलैंड में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, जबकि भारत लौटने की प्रक्रिया चल रही है.

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Edited By: Ritu Sharma
Myanmar Cyber ​​Crime
Courtesy: Social Media

Myanmar Cyber ​​Crime: म्यांमार के म्यावाडी क्षेत्र में स्थित केके पार्क, जो साइबर अपराध गतिविधियों का केंद्र माना जाता है, वहां फंसे लगभग 70 भारतीयों को म्यांमार के सशस्त्र बलों ने मुक्त कराया है. इन सभी को थाईलैंड के सीमावर्ती शहर माई सोत में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां भारतीय अधिकारी उनकी वापसी के लिए समन्वय कर रहे हैं.

आपको बता दें कि बचाए गए भारतीयों में 15 गुजरात, 20 राजस्थान, 5 आंध्र प्रदेश, 2 तेलंगाना से हैं, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, हरियाणा और कर्नाटक के रहने वाले हैं. इनमें पाँच महिलाएँ भी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र से हैं.

ऑनलाइन ठगी के गढ़ पर कार्रवाई

वहीं म्यांमार की बॉर्डर गार्ड फोर्स (BGF) ने केके पार्क पर छापा मारकर इन सभी लोगों को मुक्त कराया. ये सभी साइबर धोखाधड़ी में जबरन धकेले गए थे. अधिकारियों को संदेह है कि इन अपराध केंद्रों को चीनी संगठित अपराध सिंडिकेट लंबे समय से चला रहा था. इस छापेमारी में कुछ संदिग्ध आयोजकों को हिरासत में भी लिया गया है.

बचाए गए भारतीयों की गुहार

बताते चले कि माई सोत में फंसे भारतीयों में से तेलंगाना के करीमनगर निवासी के. मधुकर रेड्डी ने बताया कि वे सभी बस स्टेशन पर भारत वापसी का इंतजार कर रहे हैं. रेड्डी ने भारतीय अधिकारियों से जल्द वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है. उनके अलावा हैदराबाद के काकुलुरु संतोष, विजाग के मणिकांता, बोदापति अशोक और गुजरात के एम.वी. पटेल भी इस समूह में शामिल हैं.

आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई

इसके अलावा, म्यांमार में ऐसे साइबर अपराध केंद्रों के खिलाफ और छापेमारी की तैयारी चल रही है. यह मामला उन सैकड़ों भारतीयों के शोषण का हिस्सा है, जिन्हें झूठे नौकरी के वादे के तहत कंबोडिया, लाओस और म्यांमार ले जाया गया और फिर साइबर क्राइम में जबरन धकेल दिया गया.

कंबोडिया में भी बड़े पैमाने पर बचाव अभियान

हालांकि, म्यांमार के अलावा कंबोडिया में भी भारतीयों को साइबर अपराध की गिरफ्त से बचाने के लिए अभियान चल रहा है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस तरह के घोटालों में संलिप्त अन्य गिरोहों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है.