'दस में एक इंसान हर रात भूखा सोता है', संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रमुख ने बता दी दुनिया की सच्चाई
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी के प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक भूख संकट बढ़ी समस्या है और दुनिया भर में भोजन की मांग लगातार बढ़ रही है.
नई दिल्ली: दुनिया भर में 700 मिलियन से अधिक लोगों को यह नहीं पता है कि वे कब खाएंगे या फिर खा पाएंगे भी या नहीं. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी के प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक भूख संकट बढ़ी समस्या है और दुनिया भर में भोजन की मांग लगातार बढ़ रही है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि धन की कमी के कारण एजेंसी को लाखों लोगों के भोजन राशन में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. अभी और कटौती होने वाली है.
मानवतावादी समुदाय की नई वास्तविकता है यह
उन्होंने कहा कि हम समवर्ती और दीर्घकालिक संकटों की एक श्रृंखला के साथ जी रहे हैं जो वैश्विक मानवीय जरूरतों को पूरा करना जारी रखेंगे. यह मानवतावादी समुदाय की नई वास्तविकता है. डब्ल्यूएफपी प्रमुख दिवंगत अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन की पत्नी, ने कहा कि एजेंसी का अनुमान है कि 50 से अधिक देशों में लगभग 47 मिलियन लोग अकाल से केवल एक कदम दूर हैं. इससे पांच साल से कम उम्र के 45 मिलियन बच्चों के प्रभावित होने का अनुमान है.
10 में से एक इंसान भूखा सोता है
डब्ल्यूएफपी के अनुमानों के मुताबिक 79 देशों में 783 मिलियन लोग - दुनिया की 10 में से एक इंसान अभी भी हर रात भूखे सोते हैं. एजेंसी ने कहा कि इस वर्ष 345 मिलियन से अधिक लोग उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, जो कि 2021 की शुरुआत से पहले की तुलना में लगभग 200 मिलियन लोगों की वृद्धि है.
डब्ल्यूएफपी ने बताए कराण
डब्ल्यूएफपी ने कहा बढ़ती संख्या के लिए तनाव, आर्थिक झटके, चरम जलवायु और बढ़ती उर्वरक कीमतों मुख्य कारण हैं. एजेंसी ने कहा कि महामारी से आर्थिक नुकसान और यूक्रेन में युद्ध ने खाद्य कीमतों को दुनिया भर में लाखों लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया है साथ ही उर्वरक की ऊंची कीमतों के कारण मक्का, चावल, सोयाबीन और गेहूं का उत्पादन गिर गया है.