menu-icon
India Daily

आग उगल रहा सूरज, मंगलवार को टूट गया दो दशक का रिकॉर्ड, समझिए पृथ्वी के लिए कितना बड़ा है खतरा

सूरज की यह सबसे बड़ी आग उस भयानक सौर तूफान के बाद आई है जो इस वीकेंड पर आया था. यह सौर तूफान पिछले 20 सालों में सबसे खतरनाक सौर तूफान था.

auth-image
Edited By: India Daily Live
solar flare

वक्त गुजरने के साथ-साथ सूरज और भी ज्यादा आग उगल रहा है, जिसकी वजह से पृथ्वी पर गर्मी बढ़ती ही जा रही है. मंगलवार को सूरज ने लगभग दो दशकों में सबसे बड़ी आग (चमक) पैदा की. सूरज की यह सबसे बड़ी आग उस भयानक सौर तूफान के बाद आई है जो इस वीकेंड पर आया था. यह सौर तूफान पिछले 20 सालों में सबसे खतरनाक सौर तूफान था. सूरज में एक बड़े विस्फोट को इस सौर तूफान की वजह बताया गया था. राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के अनुसार,  पिछले 11 साल के सौर चक्र में यह सबसे बड़ी सोलर चमक है जो अपने चरम पर पहुंच रही है.

पृथ्वी और इंसानों को क्या डरने की जरूरत है?
सूरज की बढ़ती आग चिंता का विषय तो है लेकिन फिलहाल इस आग से हम इंसानों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह आग सूरज के जिस हिस्से में भड़की है वह हिस्सा पृथ्वी की ओर नहीं बल्कि विपरीत दिशा में है.

नासा के कैमरे में कैद हुई आग
नासा की सोलर डायनेमिक्स वेधशाला ने इस एक्स-रे आग की इस चमकीली चमक को कैद कैप्चर किया है. 2005 के बाद यह सूरज की सबसे ज्यादा चमक है. सूरज की इस आग को पैमाने पर  X8.7 रेटिंग  दी गई है. बोल्डर, कोलोराडो में एनओएए के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर में ब्रायन ब्रैशर ने कहा कि जब वैज्ञानिक अन्य स्रोतों से डेटा इकट्ठा करेंगे तो यह और भी ज्यादा दिखाई दे सकती है.

वैज्ञानिक कर रहे खतरे का अध्ययन
सूरज की इस आग के तेज होने से पहले लगभग एक सप्ताह तक सूर्य की कोरोनल प्लाज्मा पर जबरदस्त आग भड़की और बड़े पैमाने पर उत्सर्जन हुआ जिसके कारण पृथ्वी और उसकी कक्षा में बिजली और संचार बाधित होने का खतरा पैदा हो गया है. ब्रैशर ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मंगलवार को सूर्य पर जो आग लगी और उससे जो उत्सर्जन हुआ वह हमारे ग्रह से दूर था हालांकि हम अभी इसका विश्लेषण कर रहे हैं.

नासा ने कहा कि वीकेंड पर जो भू-चुंबकीय तूफान आया उसके कारण उसका एक पर्यावरण उपग्रह अंतरिक्ष के मौसम से ऊंचाई कम होने के कारण अप्रत्याशित रूप से घूमने लगा और एक सुरक्षात्मक हाइबरनेशन में चला गया जिसे सुरक्षित मोड के रूप में जाना जाता है. नासा ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय स्टेशन में रह रहे अपने सात अंतरिक्ष यात्रियों को ऐसे क्षेत्र में रहने की सलाह दी थी जहां उनपर इस सोलर विकीरण का असर न हो. एजेंसी ने कहा कि दल के सभी यात्री सुरक्षित हैं.